Class-7 (रुचिरा) वर्णविचारः NCERT books/ CBSE Syllabus
वर्णविचारः
1- वर्णाः
संस्कृते इदानीं 48 वर्णानां प्रयोगः भवति।
ते मुख्यतया भागत्रयेण विभक्ताः सन्ति,
1- स्वरा
2- व्यञ्जनानि
3- अयोगवाहाश्चेति,
यथा
स्वराः – 13 |
|
ह्र्स्वस्वरा:-5 |
दीर्घस्वराः-8 |
अ, इ,
उ, ऋ, ऌ |
आ, ई,
ऊ, ॠ ए, ऐ, ओ, औ |
व्यञ्जनानि-33 |
||
वर्गीयव्यञ्जनानि-25 क्, ख्, ग्, घ्, ड़. च्, छ्, ज्, झ्, ञ् ट्, ठ्, ड्, ढ्, ण् त्, थ्, द्, ध्, न् प्, फ्, ब्, भ्, म् |
अवर्गीयव्यञ्जनानि-8 |
|
अन्तस्था:- 4 य्, र्, ल्, व् |
ऊष्माण:- 4 श्, ष्, स्, ह् |
अयोगवाहौ-2 |
|
अनुस्वारः |
विसर्गः |
2. उच्चारणस्थानानि
वर्णाभिव्यक्तिप्रदेशः स्थानं कथ्यते।
शब्दप्रयोगसमये कायाग्निना प्रेरितः वायुः कण्ठादिस्थानेषु सञ्चरन् वर्णान्
अभिव्यनक्ति । यथोक्तं पाणिनीयशिक्षायाम्-
आत्मा
बुद्ध्या समेत्यर्थान् मनो युङ्क्ते विवक्षया ।
मनः
कायाग्निमाहन्ति स प्रेरयति मारुतम् ॥
मारुतस्तूरसि
चरन् मन्द्रं जनयति स्वरम् ॥
अष्टौ
स्थानानि वर्णानामुरः कण्ठः शिरस्तथा ॥
जिह्वामूलं
च दन्ताश्च नासिकौष्ठौ च तालु च ॥
एवम् वर्णानाम् उच्चारणस्थानानि अष्टौ
सन्ति। (i)
उरः (ii) कण्ठः (iii) शिरः
(iv) जिह्वामूलम् (v) दन्ताः (vi)
नासिका (vii) ओष्ठौ (viii) तालुः। तद्यथा-
अर्थ को प्रकट करने की इच्छा से आत्मा मन से
सहयोग करती है, मन शरीर की अग्नि को जगाता है,
वह अग्नि वायु को प्रेरित करती है। तब
छाती में संचरण करते हुए वायु मंद अथवा गंभीर स्वर को जन्म देता है। इस प्रकार
वर्णों के मुख्य रूप से आठ उच्चारण स्थान बनते हैं- (1) छाती
( यह सभी वर्णों में आधारभूत है इसलिए अलग-अलग वर्णों के विशेष उच्चारण स्थान में
इसका उल्लेख नहीं होता। (2) कंठ (3) मूर्धा
(4) जिह्वामूल (5) दंत (6) नासिका (7) दोनों ओंठ (8) तालू।
इसके अतिरिक्त कण्ठ, तालु व दंत के मिश्रण से तीन अतिरिक्त
उच्चारण स्थान बनते हैं- (9) कण्ठतालु (10) कण्ठकोष (11) दंतोष्ठ।
वर्णाः |
उत्पत्तिस्थानानि |
वर्णानां
संज्ञा |
अ, आ, क्,
ख, ग्, ध्, ड़्, ह्, विसर्गः |
कण्ठः |
कण्ठ्य |
इ, ई,
च्, छ्, ज्,
झ्, ञ्, य, श् |
तालुः |
तालव्यः
|
ऋ, ॠ,
ट्, ठ्, ड्, ढ़्, ण्, र्, ष् |
मूर्धा
|
मूर्धन्यः
|
लृ, त्,
थ्, द्, ध्,
न्, ल्, स् |
दन्ताः |
दन्त्यः |
उ, ऊ,
प् , फ्, ब्,
भ्, म् |
औष्ठौ |
ओष्ठ्यः |
ड़्, ञ्,
ण्, न्, म् |
नासिका
+ कण्ठादीनि |
नासिक्यः
|
ए, ऐ |
कण्ठतालू |
कण्ठतालव्यः |
ओ, औ |
कण्ठोष्ठम्
|
कण्ठोष्ठ्यः |
व |
दंतोष्ठम् |
दन्त्योष्ठ्यः |
अनुस्वारः |
नासिका |
नासिक्यः |
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