Class-7 (रुचिरा) प्रथमः पाठः सुभाषितानि/NCERT book/CBSE Syllabus
प्रथमः
पाठः
सुभाषितानि
शब्दार्थाः
पृथिव्याम् |
धरती पर |
on
the earth |
सुभाषितम् |
सुन्दर वचन |
good
saying |
मूढ़ैः |
मूर्खो के द्वारा |
by
fools |
पाषाणखण्डेषु |
पत्थरों के टुकड़ो में |
in
stone pieces |
रत्नसंज्ञा |
रत्न का नाम |
name
of precious stone |
विधीयते |
किया/ समझा जाता है |
to
be done/given |
धार्यते |
धारण किया जाता है |
Bears |
तपते |
जलता है |
Burns/heats |
वाति |
बहता है/ बहती है |
Blows |
वायुश्च
(वायुः+च) |
पवन भी |
Air |
प्रतिष्ठितम् |
स्थित है |
Situated |
तपसि |
तपस्या में |
In
penance |
शौर्ये
|
बल
में |
In
bravery |
नये
|
नीति में |
In
policy |
विस्मयः
|
आश्चर्य |
wonder |
बहुरत्ना |
अनेक रत्नों वाली |
Possessing
many Jewells |
वसुन्धरा |
पृथिवी |
earth |
सद्भिरेव
(सद्भिः + एव) |
सज्जनों के साथ ही |
With
gentlemen |
सहासीत
(सह+आसीत) |
साथ बैठना चाहिए |
Should
sit together |
कुर्वीत |
करना चाहिए |
should |
सद्धिर्विवादम्
(सद्धिः+
विवादम्) |
सज्जनों के साथ झगड़ा |
Quarrel with gentleman |
क्षमावशीकृतिर्लोके
|
संसार
में क्षमा (सबसे बड़ा) वशीकरण है |
Forgiveness
is an enchantment in the world |
नासद्भिः
(न +असद्धिः) |
असज्जन लोगो के साथ नहीं |
Not
with ungentlemanly people |
धनधान्यप्रयोगेषु
|
धनधान्य
के प्रयोग में |
In
the use of wealth |
संग्रहेषु |
संग्रहों में, संचय करने में |
In
accumulation |
त्यक्तलज्जः |
संकोच या भीरूता को छोड़नेवाला |
One
who has given up shyness |
शान्तिखड्गः |
शान्ति की तलवार |
Sword
of peace |
अभ्यासः
1- सर्वान् श्लोकान् सरस्वरं गायत।
2- यथायोग्यं श्लोकांशाकन् मेलयत-
क |
ख |
उत्तर |
धनधान्यप्रयोगेषु |
नासद्भिः किञ्चिदाचरेत्। |
विद्यायाः
संग्रहेषु च। |
विस्मयो
न हि कत्तर्व्यः |
त्यक्तलज्जः सुखी भवेत्। |
बहुरत्ना वसुन्धरा। |
सत्येन
धार्यते पृथ्वी |
बहुरत्ना वसुन्धरा। |
सत्येन तपते रविः। |
सभ्दिर्विवादं
मैत्रीं च |
विद्यायाः
संग्रहेषु च। |
नासद्भिः किञ्चिदाचरेत्। |
आहारे
व्यवहारे च |
सत्येन तपते रविः। |
त्यक्तलज्जः
सुखी भवेत्। |
3- एकपदेन उत्तरत-
क- पृथिव्यां कति रत्नानि?
उत्तर- पृथिव्यां त्रीणि रत्नानि।
ख- मूढ़ैः कुत्र रत्नसंज्ञा विधीयते?
उत्तर- मूढ़ैः पाषाणखण्डेषु रत्नसंज्ञा
विधीयते।
ग- पृथिवी केन धार्यते?
उत्तर- पृथिवी सत्येन धार्यते।
घ- कै
सड़्गतिं कुर्वीत?
उत्तर- सद्भिः सड़्गतिं कुर्वीत।
ड- लोके वशीकृतिः का?
उत्तर- लोके वशीकृतिः क्षमा।
4- रेखांकितपदानि अधिकृत्य प्रश्ननिर्माणं
कुरुत-
क- सत्येन वाति वायुः।
-
केन वाति वायुः?
ख- सद्भिः एव सहासीत।
-
काभिः एव सहासीत्?
ग- वसुन्धराः बहुरत्ना भवति।
-
का बहुरत्ना भवति?
घ- विद्यायाः संग्रहेषु त्यक्तलज्जः सुखी भवेत्।
-
काः संग्रहेषु त्यक्तलज्जः सुखी भवेत्?
ड- सद्भिः मैत्रीं कुर्वीत।
- सद्भिः
किम् कुर्वीत?
5- प्रश्नानामुत्तराणि लिखत-
क- कुत्र विस्मयः न कत्तर्व्यः ?
उत्तर- दाने,
तपसि, शौर्ये, विज्ञाने, नये च विस्मयः न कत्तर्व्यः ।
ख- पृथिव्यां त्रीणि रत्नानि कानि?
उत्तर- पृथिव्यां अनं, जलं, सुभाषितं च त्रीणि रत्नानि सन्ति।
ग- त्यक्तलज्जः कुत्र सुखी भवेत्?
उत्तर- त्यक्तलज्जः आहारे विहारे च सुखी
भवेत्।
6- मञ्जूषातः पदानि चित्वा
लिड़्गानुसारं लिखत-
रत्नानि |
वसुन्धरा |
सत्येन |
सुखी |
अन्नम् |
वह्निः |
रविः |
पृथ्वी |
संड़्गतिम् |
पुँल्लिड़्गम्
|
स्त्रीलिड़्गम् |
नपुसकलिड़्गम्
|
सत्येन |
वसुन्धरा |
रत्नानि |
रविः |
पृथ्वी |
अन्नम् |
वह्निः
|
संड.गतिम् |
|
सुखी |
|
|
7- अधोलिखितपदेषु घातवः के
सन्ति?
पदम
|
धातुः |
करोति |
कृ |
पश्य
|
दृश् |
भवेत् |
भू |
तिष्ठति |
स्था |
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