Class-7 Hindi राज धर्म
राज धर्म
शब्दार्थ (Word Meanings)
बोधिसत्व = महात्मा बुद्ध के
पूर्व जन्मों की कथाओं में उनका नाम (the name of
Lord Buddha);
रमणीय = सुंदर, मनोहर (pleasant);
सत्-असत् = सत्य-असत्य (what is permanent and what is temporary)
कुशल-क्षेम = राज़ी-खुशी (welfare);
गोदे = एक प्रकार का फल (kind of fruit)
अन्यायी = जो न्याय न करे (unjustful)
ओजहीन = प्रभावहीन (dull);
ओजस्वी = प्रभावहीन (dull)
धर्म-विमुख = धर्म (कर्तव्य) से
मुँह मोड़ने वाला
अनुसरण = अनुकरण, पीछे चलना (to follow)
अभ्यास
लिखित (Oral Expression)
1. राजा ब्रह्मदत्त कहाँ राज्य करता था?
उत्तर - राजा ब्रह्मदत्त
वाराणासी में राज्य करता था।
2. बोधिसत्व किस कुल में पैदा हुए थे?
उत्तर - बोधिसत्व एक ब्राह्मण
कुल में पैदा हुए थे।
3. राजा ब्रह्मदत्त कैसे व्यक्ति को
ढूँढ रहा था?
उत्तर - राजा ब्रह्मदत्त ऐसे
व्यक्ति को ढूँढ रहा था जो उसके दोष (अवगुण) बता सके।
4. बोधिसत्व जंगल में क्या खाते थे?
उत्तर - बोधिसत्व जंगल में पके
हुए गोदे खाते थे।
5. बोधिसत्व का आश्रम कहाँ था?
उत्तर - बोधिसत्व का आश्रम
हिमाचल में स्थित था।
लिखित (Written Expression)
बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)
सही उत्तर के सामने सही का
निशान (✓) लगाइए-
1. राजा ब्रह्मदत्त किसलिए प्रसिद्ध था?
(क) अपनी धर्मप्रियता के लिए
(ख) न्यायपूर्ण शासन के लिए
(ग) धर्मप्रियता और न्यायपूर्ण शासन
दोनों के लिए (✓)
(घ) अपने ज्ञान के लिए
2. बोधिसत्य ने राजा को खाने के लिए
क्या दिया-
(क) गोदे (✓)
(ख) बेर
(ग) जंगली फल
(घ) कुछ नहीं
3. दूसरी बार राजा को गोदे कड़वे लगे
क्योंकि
(क) बोधिसत्व ने उन्हें प्रेमपूर्वक
नहीं दिया था।
(ख) राजा धर्म विमुख हो गया था
(✓)
(ग) गोदे पके नहीं थे
(घ) तब गोदे खाने का मौसम नहीं था
4. बोधिसत्व ने साँड की तुलना किससे को
है?
(क) प्रजा से
(ख) नेता से (✓)
(ग) युवाओं से
(घ) ऋषि-मुनियों से
लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)
1. राजा ब्रह्मदत्त का स्वभाव कैसा था?
उत्तर - राजा ब्रह्मदत्त
विवेकशील थे। वे सत्-असत्, उचित-अनुचित का
ध्यान रखते और अपनें अवगुणों के प्रति सजग रहते थे।
2. राजा ब्रहमदत्त वेश बदलकर क्यों घूम
रहा था?
उत्तर - राजा ब्रहमदत्त ऐसे
व्यक्ति की तलाश में वेश बदलकर घूम रहा था जो उसके अवगुण बता सके।
3. राजा बोधिसत्व के आश्रम में कैसे
पहुँचा?
उत्तर - अपने दोष जानने के लिए
राजा भेष बदलकर निकला और हिमाचल प्रदेश के घने जंगलों और पर्वतों को पार करता हुआ
बोधिसत्व के आश्रम में पहुँचा।
4. राजा को पहली बार खाने पर गोदे कैसे
लगे?
उत्तर - राजा को पहली बार खाने
पर गोदे बड़े ही मधुर और स्वादिष्ट लगे।
5. क्या तपस्वी बोधिसत्व का कथन सत्य
निकला?
उत्तर - हाँ, तपस्वी बोधिसत्व का कथन सत्य निकला और राजा
के अधार्मिक और अन्यायी होने गोदे कड़वे हो गए।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long
Answer Type Questions)
1. राजा ब्रह्मदत्त के गुणों का वर्णन
कीजिए।
उत्तर - राजा ब्रह्मदत्त
विवेकशील थे। वे
सत्-असत्, उचित-अनुचित का ध्यान रखते और अपनें अवगुणों के
प्रति सजग रहते थे। वे अपनी धर्मप्रियता और न्यायपूर्ण शासन के लिए प्रसिद्ध थे।
2. बोधिसत्व ने गोदों के मीठे होने का
कारण क्या बताया?
उत्तर - बोधिसत्व ने बताया कि
राजा के धर्मानुसार और न्यायपूर्ण शासन के कारण ही गोदे मीठे थे। राजा के अधार्मिक
और अन्यायी होने के कारण तेल,मधु, शक्कर तथा जंगल के फल-फूल सभी कड़वे और स्वादहीन हो जाते हैं। यही नहीं,
सारा राष्ट्र ओजहीन और दूषित हो जाता है।
3. राजा को धार्मिक और क्यों होना
चाहिए?
उत्तर - राजा के धार्मिक होने
पर वस्तुएँ मधुर और शक्तिवर्धक होती हैं और सारा राष्ट्र शक्तिशाली और ओजस्वी बना
रहता है।
4. यदि राजा अधार्मिक और अन्यायी हो तो
उसका क्या परिणाम होगा?
उत्तर - राजा के अधार्मिक और
अन्यायी होने के कारण तेल,मधु, शक्कर तथा जंगल के फल-फूल सभी कड़वे और स्वादहीन हो जाते हैं। यही नहीं,
सारा राष्ट्र ओजहीन और दूषित हो जाता है।
5. राजा ने बोधिसत्व के कथन की परीक्षा
किस प्रकार हो? क्या उनकी बात में सच्चाई थी?
उत्तर - राजा ने अधर्म और
अन्याय से राज्य करके बोधिसत्व के कथन की परीक्षा की। हाँ, उनकी बात में सच्चाई थी क्योंकि इस बार
गोदे कड़वे हो गए थे।
6. "राजा के धार्मिक होने पर सारा
राष्ट्र सुखी जीवन जीता है।"आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर - राजा के धार्मिक होने
पर वह धर्म और न्यायपूर्वक शासन करता है। ऐसा होने पर न केवल प्रजा सुखी रहती है
बल्कि फल-फूल और वस्तुएँ भी स्वादिष्ट एवं सुमधुर हो जाती हैं। राजा के धर्म-विमुख
होने पार सारा राज्य दुख से भर जाता है। यदि राजा धर्म का अनुसरण करता है, तो शेष प्रजा भी धर्म का मार्ग अपनाती है
और सारा राष्ट्र सुखी हो जाता है।
अर्थ ग्रहण संबंधी प्रश्न (Questions Based on Comprehension)
बोधिसत्व से यह शिक्षा प्राप्त
कर राजा ने अपना परिचय दिया और विनयपूर्वक बोला, "भंते, मैने हो गोदों को पहले मीठा और फिर कड़वा
किया। अब फिर उन्हें मीठा करूँगा और कभी कड़वा नहीं होने दूँगा। यही मेरा संकल्प और
व्रत है।"
(क) राजा ने गोदों को पहले मीठा फिर
कड़वा कैसे किया?
उत्तर - राजा ने अपने धर्म और
न्यायपूर्ण शासन से मीठा किया और फिर अपने अधर्म और अन्याय से कड़वा कर दिया।
(ख) अंत में राजा ने क्या संकल्प किया?
उत्तर - अंत में राजा ने गोदों
को मीठा करने और फिर कभी कड़वा नहीं होने देने का संकल्प किया।
(ग) निम्नलिखित विशेषणों से भाववाचक
संज्ञा बनाइए
मीठा - मिठास
कड़वा - कड़वाहट
बात भाषा की
1. निम्नलिखित शब्दों में 'अ', 'वि', 'अव' तथा 'कु' उपसर्ग लगाकर विलोम
शब्द बनाइए-
(क) न्याय x अन्याय
(ख) गुण x अवगुण
(घ) धार्मिक x अधार्मिक
(ग) सत् x असत्
(ङ) सन्मार्ग x कुमार्ग
(च) आमुख x विमुख
(छ) सुपुत्र x कुपुत्र
(ज) ज्ञान x अज्ञान,
विज्ञान
* दो वर्णों के मेल से होने वाला
परिवर्तन संधि कहलाता है; जैसे- पुस्तक + आलय =
पुस्तकालय। यहाँ पुस्तक के अंतिम वर्ण 'अ'
तथा आलय के प्रथम वर्ण 'आ' के मेल होने से 'विकार' 'आ'
हो गया है। संधि द्वारा बने हुए शब्दों को पृथक करना संधि-विच्छेद
कहलाता है; जैसे- विद्यालय = विद्या + आलय
संधि के तीन भेद हैं- 1. स्वर संधि 2. व्यंजन
संधि 3. विसर्ग संधि
दो स्वरों के मेल से होने वाले
विकार को स्वर संधि कहते हैं।
2. निम्नलिखित शब्दों का संधि-विच्छेद
कीजिए-
शब्द - संधि-विच्छेद
(क) परोपकार = पर + "उपकार
(ख) महात्मा = महा + आत्मा
(ग) हिमालय = हिम + आलय
(घ) धर्मानुसार = धर्म + अनुसार
* जब संज्ञा, सर्वनाम
तथा विशेषण आदि शब्दों के अंत में प्रत्यय जोड़कर जो धातुएँ बनाई जाती हैं वे
नामधातु कहलाती हैं जैसे- लात-लतियाना, धक्का-धकियाना आदि।
3. निम्नलिखित शब्दों से नामधातुएँ
बनाइए-
दुख x दुखाना
हाथ x हथियाना
गर्म x गरमाना
शर्म x शर्माना
बात x बतियाना
झूठ x झुठलाना
* वे शब्द जिनके एक से अधिक अर्थ होते
हैं, अनेकार्थी शब्द कहलाते हैं; जैसे-
गुरु- शिक्षक, बड़ा, भारी। 'गुरु' का अर्थ शिक्षक भी होता है, बड़ा भी और भारी भी।
4. निम्नलिखित शब्दों के दो-दो अर्थ
लिखिए-
(क) अर्थ = अभिप्राय, धन
(ख) कुल = वंश, जोड़
(ग) मूल =
आधार, जड़, वास्तविक
(घ) फल = परिणाम, तीर-बरछी आदि का अग्र भाग, पेड़ पर लगने वाला फल
(ड़) पद = चरण, पद्य,
* 'विराम' का
अर्थ है- रुकना अथवा विश्राम करना। बोलते समय अपनी बात को ठीक प्रकार समझाने के
लिए हमें कई स्थानों पर थोड़ा रुकना पड़ता है। लिखते समय रुकने की प्रक्रिया को
समझाने के लिए कुछ चिह्नों का प्रयोग किया जाता है। इन चिह्नों को विराम-चिह्न
कहते हैं। विराम-चिह्नों के प्रयोग से वाक्य का स्पष्ट अर्थ समझ में आ जाता है;
जैसे- 'ठहरो मत जाओ' कहने
से स्पष्ट नहीं हो रहा कि हम 'ठहरने' के
लिए कह रहे हैं अथवा 'जाने' के लिए।
इसे स्पष्ट करने के लिए हमें विराम-चिह्न का प्रयोग करना पड़ता है; जैसे-
ठहरो मत जाओ।
ठहरो, मत जाओ।
अब अर्थ स्पष्ट है। पहले वाक्य
में हम 'ठहरने' के लिए कह रहे हैं और दूसरे वाक्य में 'जाने'
के लिए। इस प्रकार अपने भावों या विचारों को स्पष्ट करने के लिए
विराम-चिह्नों का प्रयोग किया जाता है। हिंदी भाषा में प्रयुक्त होने वाले प्रमुख
विराम-चिह्न हैं-
(1) पूर्णविराम (।) - प्रश्नसूचक अथवा
विस्मयादिबोधक वाक्यों के अतिरिक्त अन्य वाक्यों के अंत में पूर्ण-विराम का प्रयोग
किया जाता है; जैसे- मैं विद्यालय जा रहा हूँ।
(2) अल्प विराम (, ) - वाक्य में आए एक ही प्रकार के पदों, पदबंधों या
उपवाक्यों को अलग करने के लिए अल्पविराम का प्रयोग किया जाता है; जैसे- रागिनी, रोमिका, सोमिली
और निकिता गाना गाएँगी।
(ii) योजक-चिह्न (-)- दो समानार्थी
अथवा विपरीतार्थी शब्दों के बीच योजक-चिह्नों का प्रयोग किया जाता है;
जैसे- सुख-दुख, हार-जीत, कभी-कभी।
(iv) उद्धरण चिह्न (‘ ‘ , “
") - उद्धरण चिह्न दो प्रकार के होते हैं-
(क) किसी उपनाम, शब्द
अथवा वाक्यांश को अलग करने के लिए इकहरे उद्धरण चिह्न (' ') का
प्रयोग किया जाता है; जैसे- 'गीता'
धार्मिक पुस्तक है। द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी कृत 'अभिनंदन'।
(ख) किसी कथन को मूल रूप में
(ज्यों-का-त्यों ) प्रस्तुत करने के लिए दोहरे उद्धरण चिह्न ("
“) प्रयोग किया जाता है; जैसे- नेता जो ने
कहा- "तुम मुझे खून दो, मैं
तुम्हें आजादी दूंगा।"
5. निम्नलिखित वाक्यों में विराम-चिह्न
लगाइए-
(क) बोधिसत्व हिमालय क्षेत्र में कंद
मूल फल का सेवन करते थे
बोधिसत्व हिमालय क्षेत्र में
कंद, मूल, फल का सेवन
करते थे।
(ख) बोधिसत्व ने राजा से कहा महापुण्य
ये गोदे खाकर पानी पियो।
बोधिसत्व ने राजा से कहा - “महापुण्य, ये गोदे
खाकर पानी पियो।”
(ग) राजा के अधार्मिक और अन्यायी होने
पर तेल मधु शक्कर जंगल के फल- फूल सभी कड़वे और स्वादहीन हो जाते हैं
राजा के अधार्मिक और अन्यायी
होने पर तेल, मधु, शक्कर, जंगल के फल- फूल सभी कड़वे और स्वादहीन हो
जाते हैं.
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर
प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
अंग्रेज आजीवन कारावास की सजा
पाने वाले कैदियों को अंडमान निकोबार भेजते थे। तब इसे 'कालापानी की सजा' कहा
जाता था। स्वतंत्रता के पश्चात सरकार ने अंडमान निकोबार द्वीप समूह के विकास पर
विशेष ध्यान दिया। यहाँ कई आदिम जन-जातियाँ भी अपने मूल स्वरूप में निवास करती
हैं। उनके माध्यम से हमारी हजारों वर्ष पुरानी सभ्यता व संस्कृति जीवित है। यहाँ
की प्राकृतिक छटा भी देखते ही बनती है। यहाँ अनेक दर्शनीय स्थल भी हैं।
(क) 'कालापानी की
सजा' किसे कहा जाता था?
उत्तर - अंग्रेज आजीवन कारावास
की सजा पाने वाले कैदियों को अंडमान निकोबार भेजते थे। इसे ही ‘कालापानी की सजा’ कहा
जाता था।
(ख) हमारी सभ्यता और संस्कृति किस
प्रकार जीवित है?
उत्तर- अंडमान निकोबार द्वीपों
पर कई आदिम जन-जातियाँ अपने मूल स्वरूप में निवास करती हैं। उनके माध्यम से हमारी
हजारों वर्ष पुरानी सभ्यता व संस्कृति जीवित है।
(ग) स्वतंत्रता के पश्चात किस पर विशेष
ध्यान दिया गया?
उत्तर - स्वतंत्रता के पश्चात
अंडमान निकोबार द्वीप समूह के विकास पर विशेष ध्यान दिया गया।
(घ) निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द
लिखिए-
स्वतंत्रता x परतंत्रता
जीवित x मृत
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