Grade-6, Hindi (रोली) अध्यापक के नाम पत्र - अभ्यास

 


शब्दार्थ (Word Meanings)

पंछियों = पक्षियों (birds)

सख्त = कठोर (strict)

कसौटी = परख, जाँच (observation)

मंजूर = स्वीकार (to sanction)

फौलाद = पक्का लोहा (solid iron)

धैर्यवान = जिसमें धीरज हो (patienenceful)

 

मौखिक (Oral Expression)

 

1. यह पत्र किसने लिखा है?

उत्तर- यह पत्र अब्राहम लिंकन ने लिखा है । 

 

2. यह पत्र किसके बारे में लिखा गया है?

उत्तर- यह पत्र अब्राहम लिंकन के पुत्र की शिक्षा के बारे में लिखा गया है। 

 

3. लेखक अपने पुत्र को किससे सावधान रहना सिखाना चाहते थे?

उत्तर- लेखक अपने पुत्र को बहुत मीठी-मीठी बातों से सावधान रहना सिखाना चाहते थे। 

 

4. लेखक अपने पुत्र को बहादुर क्यों बनाना चाहते थे?

उत्तर - लेखक अपने पुत्र को बहादुर बनाना चाहते थे ताकि वह आवाज उठा सके। 

 

लिखित (Written Expression)

 

बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)

 

सही उत्तर के सामने / लगाइए-

 

1. लेखक अपने पुत्र को किसके जादू के बारे में सिखाना चाहते थे?

(क) मीठी बातों का जादू

(ख) पुस्तकों का जादू ()

(ग) समय का जादू

(घ) प्रकृति का जादू

 

2. लेखक धोखा देने से अच्छा किसे मानते थे?

(क) झूठ बोलना

(ख) सत्य बोलना

(ग) असफल होना ()

(घ) आँसू बहाना

 

3. लेखक अपने पुत्र को किस विषय पर सोचने के लिए समय देना चाहते थे?

(क) पक्षियों का आसमान में उड़ान भरना

(ख) मधुमक्खियों का धूप में थिरकना

(ग) पहाड़ों पर फूल खिलना

(घ) उपर्युक्त सभी ()

 

4. लेखक अपने पुत्र को कैसे लोगों को झिड़कने की बात सिखाना चाहते थे?

(क) सनकी लोगों को ()

(ख) चापलूस लोगों को

(ग) निर्धन लोगों को

(घ) अशिक्षित लोगों को

 

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions) 

 

1. लेखक के अनुसार व्यवहार कैसा होना चाहिए?

उत्तर - लेखक के अनुसार विनम्रों के साथ विनम्रता का और सख्त इंसानों के साथ सख्ती का व्यवहार होना चाहिए।   

 

2. हमें किस चीज़ पर भरोसा रखना चाहिए?

उत्तर- हमें खुद पर भरोसा रखना चाहिए। इससे हमारा इंसानियत पर भरोसा कायम होता है। 

 

3. हमें ताकत और दिमाग की कैसी कीमत लगानी चाहिए?

उत्तर- हमें अपनी ताकत और दिमाग की ऊँची कीमत लगानी चाहिए। 

 

4. व्यक्ति को किस चीज़ का सौदा नहीं करना चाहिए?

उत्तर - व्यक्ति को अपने दिल और आत्मा का सौदा नहीं करना चाहिए। 

 

5. लोहा फ़ौलाद कैसे बनता है?

उत्तर - आग में तपकर की लोहा फौलाद बनता है। 

 

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)

 

1. लेखक ने हेडमास्टर साहब से अपने पुत्र को क्या-क्या सिखाने की सिफारिश की है?

उत्तर - लेखक ने हेडमास्टर साहब से निम्नलिखित बातें सिखाने की सिफारिश की है - 

1.    किताबों में जादू होता है। 

2.    धोखा देने से असफल होना अच्छा है। 

3.    अपनी सोच पर भरोसा रखना। 

4.     विनम्रों के साथ विनम्रता का और सख्त इंसानों के साथ सख्ती रखना। 

5.    लोगों की बातों को सच की कसौटी पर कसना। 

6.    दुख में भी हँसना अर्थात सकरात्मकता रखना। 

7.    सनकी लोगों को झिड़कना। 

8.    बहुत मीठी-मीठी बातों से सावधान रहना। 

9.    अपने दिल और आत्मा का सौदा न करना। 

10.                आवाज उठा सके इतना बहादुर । 

11.                बहादुरी दिखा सके इतना धैर्यवान । 

12.                खुद पर भरोसा रखना । 

 

2. किस स्थिति में भीड़ को अनसुना कर देना चाहिए?

उत्तर - जब हमें लगता है कि हम सही हैं तो चीखती भीड़ को भी अनसुना कर देना चाहिए। 

 

3. लिंकन अपने पुत्र को बहादुर और धैर्यवान क्यों बनाना चाहते थे?

उत्तर - लिंकन अपने पुत्र को बहादुर इसलिये बनाना चाहते हैं ताकि वह आवाज़ उठा सके और धैर्यवान इसलिये बनाना चाहते हैं ताकि कि वह बहादुरी दिखा सके। 

 

4. 'आग में तपकर ही लोहा फ़ौलाद बनता है।" आशय स्पष्ट कीजिए। 

उत्तर - आग में तपकर ही लोहा फ़ौलाद बनता है। इस कथन का आशय यह है कि जीवन में प्रतिकूल परिस्थितियाँ और संघर्ष आवश्यक है। कठिन परिस्थितियाँ हमने मजबूत बनाती हैं और जीवन के संघर्षों से ही हम अनुभवी इंसान बनते हैं।   

 

5. 'किताबों के जादू' से लेखक का क्या तात्पर्य है?

उत्तर - किताबों के जादू से तात्पर्य यह है कि किताबें अनेक प्रकार से हमारी सहायता करती हैं। वे ज्ञान का भंडार तो हैं ही, साथ ही हमारी बहुत अच्छी मित्र होती हैं। किताबों के बीच हम कभी अपने आप को अकेला महसूस नहीं करते, वे हमारा आत्मविश्वास बढ़ाती हैं, विश्लेषणात्मक कौशल बढ़ाती हैं, याद्दाशत बढ़ाती हैं, हमारी शब्दावली बढ़ाती हैं और तनाव को दूर करती हैं। 

 

अर्थ-ग्रहण संबंधी प्रश्न (Questions Based on Comprehension) 

 

उसे सिखाइए कि सनकी लोगों को झिड़क दे और बहुत मीठी-मीठी बातें करनेवालों से सावधान रहे। अपनी ताकत और दिमाग की ऊँची कीमत तो लगाए, लेकिन अपने दिल और आत्मा का सौदा न करे। उसे सिखाइए कि अगर उसे लगता है कि वह सही है तो सामने खड़ी हुई चीखती भीड़ को अनसुना कर दे। उसके साथ नरमी से पेश आइए, लेकिन हमेशा गले से लगाकर मत रखिए क्योंकि आग में तपकर ही लोहा फ़ौलाद बनता है।

 

1. मीठी-मीठी बातें करनेवालों से सावधान क्यों रहना चाहिए?

उत्तर - मीठी-मीठी बातें करनेवालों से सावधान रहना चाहिए क्योंकि ऐसे लोग मीठी बातों की आड़ में अपना स्वार्थ सिद्ध करना चाहते हैं। 

 

2. हमेशा गले से लगाकर रखने से क्या नुकसान होता है?

उत्तर - हमेशा गले से लगाकर रखने से यह नुकसान होता है कि बच्चा कमज़ोर बनता है और जीवन के अनुभवों से वंचित रह जाता है। 

 

3. बच्चों के साथ नरमी से पेश क्यों आना चाहिए?

उत्तर - बच्चों के साथ नरमी से पेश आना चाहिए क्योंकि वे मासूम होते हैं और सिखाने के लिए सख्ती और नरमी दोनों जरूरी होती हैं। 

 

4. 'गले लगाना' मुहावरे का अर्थ लिखकर वाक्य-प्रयोग कीजिए।

मुहावरा - गले लगाना 

अर्थ - बहुत स्नेह करना / अपना लेना 

वाक्य - बहुत दिनों बाद मिलने पर माँ ने बेटे को गले लगा लिया। 

 

बात भाषा की

 

1. निम्नलिखित उर्दू शब्दों के हिंदी रूप लिखिए-

 

(क) वक्त - समय 

 

(ख) भरोसा - विश्वास 

 

(ग) सख्त - कठोर 

 

(घ) मंजूर - स्वीकार 

 

(ङ) हमेशा - सदा 

 

(च) उम्मीद - आशा 

 

(छ) लकीर - रेखा 

 

(ज) दुनिया - संसार 

 

निम्नलिखित शब्दों के बहुवचन रूप लिखिए-

 

(क) किताब - किताबें 

 

(ग) मधुमक्खी - मधुमक्खियाँ 

 

(ख) पक्षी - पक्षी 

 

(घ) पहाड़ - पहाड़ 

 

(ङ) आँसू - आँसू 

 

(च) बात - बातें 

 

(छ) बहादुर - बहादुर 

 

(ज) बेटा - बेटे 

 

3. पाठ से विशेषण शब्द चुनकर वाक्य बनाइए-

 

उदाहरण- मीठी-मीठी बातें करनेवालों से सावधान रहें।

 

(क) सभी इंसान ईमानदार और सच्चे नहीं होते। 

 

(ख) उसे विनम्रों के साथ विनम्रता और सख्त इंसानों के साथ सख्ती करना सिखाइए

 

(ग) उसे सिखाइए कि सनकी लोगों को झिड़क दे। 

 

(घ) उसके साथ नरमी से पेश आइए। 

 

(ङ) इतना धैर्यवान बनाइए कि वह बहादुरी दिखा सके। 

 

(च) मेरा बेटा एक अच्छा बच्चा है।

 

4. निम्नलिखित वाक्यों को पढ़कर काल का नाम लिखिए- 

 

(क) उसे किताबों के जादू के बारे में सिखाइए । (वर्तमान काल)

 

(ख) तुम भीड़ के साथ मत चलना। (भविष्य काल)

 

(ग) अब्राहम लिंकन ने हेडमास्टर साहब को चिट्ठी लिखी थी। (भूतकाल)

 

(घ) उसे बहादुर बनाइए। (वर्तमान काल)

 

(ङ) तुम अपनी सोच पर भरोसा रखना। (भविष्य काल)

 

(च) लिंकन अमेरिका के राष्ट्रपति थे। (भूतकाल)

 

5. निम्नलिखित वाक्यों से सर्वनाम शब्द चुनकर भेद का नाम लिखिए- 

 

(क) मैं जानता हूँ कि सभी ईमानदार नहीं होते।

     मैं – पुरूषवाचक सर्वनाम

     सभी -

 

(ख) वे आसमान में उड़ान भरनेवाले पक्षी हैं।

       वे – पुरूषवाचक सर्वनाम

 

(ग) उसे अपनी सोच पर भरोसा रखना चाहिए।

      उसे – पुरूषवाचक सर्वनाम

      अपनी – निजवाचक सर्वनाम

 

(घ) वह किसका पुत्र है?

      वह -  पुरूषवाचक सर्वनाम

      किसका – प्रश्नवाचक सर्वनाम

 

(ङ) यह पत्र मैंने स्वयं लिखा है।

       यह – पुरूषवाचक सर्वनाम

      मैंने स्वयं – निजवाचक सर्वनाम

 

(च) जो सही है, वही सुनो।

       जो – संबंधवाचक सर्वनाम

       वही – संबंधवाचक सर्वनाम

 

* जिन शब्दों से हर्ष, शोक, घृणा, आश्चर्य, भय आदि भाव प्रकट होते हैं, उन्हें विस्मयादिबोधक कहते हैं। इनके पश्चात विस्मयसूचक चिह्न (!) लगाया जाता है। ये वाक्य के आरंभ में आते हैं।

 

6. निम्नलिखित वाक्यों में उचित स्थान पर विस्मयादिबोधक चिह्न लगाइए-

 

(क) काश मैं भी पक्षियों की तरह उड़ पाता ।

       काश ! मैं भी पक्षियों की तरह उड़ पाता ।

 

(ख) अच्छा आपने उसे सच की कसौटी पर कसा।

      अच्छा ! आपने उसे सच की कसौटी पर कसा।

 

(ग) ओह वह उसकी मीठी-मीठी बातों में आ गया।

      ओह ! वह उसकी मीठी-मीठी बातों में आ गया।

 

(घ) शाबाश तुमने बहुत बहादुरी दिखाई।

      शाबाश ! तुमने बहुत बहादुरी दिखाई।

 

(ङ) छिः आपने अपनी आत्मा का सौदा कर लिया।

      छिः ! आपने अपनी आत्मा का सौदा कर लिया।


ज्ञान परख

नीचे दिए गए अनुच्छेद में रिक्त स्थानों की पूर्ति के लिए उचित विकल्प चुनिए-

 

हिंदी हमारी युगों की (क) को प्रवाहित करनेवाली भाषा है। यह भारतीय गौरव को प्रतिष्ठित करने में प्रमुख (ख) निभाती आई है। संस्कृत से लेकर (ग) बोली तक की जो परंपरा है, उसे (घ) सफलतापूर्वक प्रत्येक आनेवाली पीढ़ी तक पहुँचाता है। कोई भी भाषा तभी (ङ) निरंतर अपना शब्द - भंडार समृद्ध करती है। हिंदी में यह क्षमता पूरी तरह विद्यमान है।

 

हिंदी हमारी युगों की संस्कृति  को प्रवाहित करनेवाली भाषा है। यह भारतीय गौरव को प्रतिष्ठित करने में प्रमुख भूमिका  निभाती आई है। संस्कृत से लेकर खड़ी  बोली तक की जो परंपरा है, उसे भाषा  सफलतापूर्वक प्रत्येक आनेवाली पीढ़ी तक पहुँचाती है। कोई भी भाषा तभी विकास करती है जब वह निरंतर अपना शब्द - भंडार समृद्ध करती है। हिंदी में यह क्षमता पूरी तरह विद्यमान है।

 

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