Grade-6, Hindi (रोली) तिवारी का तोता - अभ्यास
शब्दार्थ (Word Meanings)
ज़बान = भाषा,
बोली (tongue);
लानत =
तिरस्कारयुक्त बात (damn, a talk of dishonour);
मुर्दा = मरा हुआ
(corpse);
दुर्भाग्य = बुरा
भाग्य (misfortune);
अख्तियार = अधिकार
(under one's control);
खुशकिस्मती =
सौभाग्य (good luck);
बेगाना = गैर,
पराया, अनजान (belong to other);
चूरी = चूरमा (रोटी
के बारीक टुकड़ों, घी और चीनी
से बना हुआ खाद्य पदार्थ) (an eatable made from small pieces of chapatti,
ghee and sugar)
बात पाठ की
मौखिक (Oral
Expression)
1. पंडित तिवारी
कहाँ रहते थे?
उत्तर - पंडित
तिवारी काशी की पवित्र नागरी में रहते थे।
2. तिवारी जी का
तोता कहाँ रहता था?
उत्तर- तिवारी जी
का तोता पिंजरे में रहता था।
3. तिवारी जी का
तोता किसकी ज़बान में बात करता था?
उत्तर - तिवारी जी
का तोता तिवारी जी की ज़बान में बात करता था।
4. तिवारी जी के
तोते से मिलने कौन आया?
उत्तर - तिवारी जी
के तोते से मिलने जंगली तोता आया।
5. तिवारी जी के
बेटे ने तोते को सींक क्यों चुभोई?
उत्तर - तिवारी जी
के बेटे ने तोते को सींक चुभोई क्योंकि
लिखित (Written
Expression)
बहुविकल्पीय
प्रश्न (Multiple Choice Questions)
सही
उत्तर के सामने(✔) लगाइए-
1. पिंजरे का तोता
क्या खाता था?
(क) हरी मिर्च
(ख) मीठे अमरूद
(घ) जंगली फल
(ग) तिवारी का
दिया हुआ दाना (✔)
2. जंगल के तोते
ने "तुम पर लानत है।"
क्यों कहा?
(क) वह अपने
पिंजरे की तारीफ़ कर रहा था।✔)
(ख) वह जंगल के
तोते से बात नहीं कर रहा था।
(ग) वह जंगल के
तोते को कुछ खाने के लिए नहीं दे रहा था।
(घ) वह जंगल में
अकेला नहीं रहना चाहता था।
3. तिवारी का तोता
क्यों मर गया?
(क) जंगल के तोते
ने उसे घायल कर दिया था।
(ख) तिवारी के
बेटे ने उसे सींक चुभोई थी। (✔)
(ग) वह बीमार हो
गया था।
(घ) जंगली तोते की
बातें सुनकर वह निराश हो गया था।
4. जंगल के तोते
ने क्या प्रतिज्ञा की थी?
(क) तिवारी के
तोते को मुक्त करने की
(ख) फिर कभी
तिवारी के तोते से न मिलने की
(ग) दूसरे दिन फिर
आने की (✔)
(घ) तिवारी को मजा
चखाने की
5. जंगली तोते ने
तिवारी के तोते को अभागा क्यों कहा?
(क) उसने कभी खुले
आसमान तले पंख नहीं फैलाए थे।
(ख) उसने कभी खुली
हवा में साँस नहीं ली थीं।
(ग) उसने कभी मौत
का सामना नहीं किया था।
(घ) उपर्युक्त सभी
(✔)
लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)
1. पिंजरे के तोते को क्या-क्या सुविधाएँ
प्राप्त थीं?
उत्तर - पिंजरे के
तोते को निम्नलिखित सुविधाएँ प्राप्त थीं-
1- खाने के लिए
दाना
2- रहने के लिए
पिंजरा
3- रात के अंधेरे
और जाड़े में रक्षा
4- पड़ोस की
बिल्लियों से रक्षा
2. पिंजरे के तोते और जंगली तोते में
क्या-क्या भिन्नताएँ थीं?
उत्तर -
पिजरे का
तोता |
जंगल का
तोता |
पिंजरे का तोता पिंजरे में ही
रहता था। |
जंगल का तोता जंगल में ही रहता
था और खुली हवा में साँस लेता था। |
पिंजरे
पिंजरे में ही पंख फैलता था। |
जंगल का तोता खुले आसमान के
तले पंख फैलता था |
पिंजरे के
तोते को रास्ते नहीं ढूँढने पड़ते थे और मौत का सामना नहीं करना पड़ता था। |
जंगल के
तोते को अपने रास्ते खुद ढूँढने पड़ते थे और मौत का सामना करना पड़ता था। |
पिंजरे के
तोते को उसके मालिक से दाना-पानी मिलता था l |
जंगल के तोते को अपने दाने-पानी
का इंतजाम स्वयं करना पड़ता था l |
3. तिवारी का तोता खुद को खुशकिस्मत
क्यों समझता था ?
उत्तर- तिवारी का
तोता खुद को खुशकिस्मत समझता था क्योंकि उसके पास रहने के लिए पिंजरा था। उसे और
पानी पिंजरे में ही मिल जाता था और इससे पड़ोस की बिल्लियों से से उसकी रक्षा भी
हो जाती थीl
4. तिवारी के तोते ने उसके बेटे की बातों
का जवाब क्यों नहीं दिया?
उत्तर- तिवारी के
तोते ने उसकी बातों का जवाब नहीं दिया क्योंकि उसने तय कर लिया था कि वह किसी की
गुलामी नहीं करेगा l
5. दूसरे दिन जंगल के तोते ने क्या दृश्य
देखा?
उत्तर- दूसरे दिन
पिंजरे का तोता मरा पड़ा था और पिंजरे का दरवाजा खुला था।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)
1. जंगल के तोते ने किन-किन कारणों से
पिंजरे के तोते को अभागा कहा ?
उत्तर- जंगल के
तोते ने इन कारणों से पिंजरे के तोते को अभागा कहा -
1) उसका घर अपना
बनाया हुआ नहीं था और न घर के दरवाज़े पर उसका अख्तियार था।
2) उसका मरना-
जीना किसी दूसरे के हाथ में था l सौंप रखा है।
3) उसने कभी खुले
आसमान तले पंख नहीं फैलाए, कभी
खुली हवा में साँस नहीं ली और कभी अपने रास्ते आप नहीं ढूँढ़े।
4) उसने कभी मौत
का सामना नहीं किया, इसलिए कभी
जीवन के मज़े भी नहीं लूटे।
5) वह हर समय अपने
मालिक के मुँह की तरफ़ देखता l
6) जो उसके मालिक
की मर्जी होती वही उसकी मर्जी होती l
2. पिंजरे का तोता स्वयं को कैदी क्यों
नहीं मान रहा था?
उत्तर- पिंजरे का
तोता स्वयं को कैदी नहीं मान रहा था क्योंकि वह जब चाहे पिंजरे में घूम सकता था,
पंख फैला सकता था, सीटियाँ बजा सकता था l उसे कोई नहीं रोकता, उसके पिंजरे में उसका ही राज था।
3. "जब गुलाम अपने मालिक की बात नहीं
सुनता, तो उसका यही हाल होता ।" आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- गुलाम का
जीवन अपने मालिक की दया पर निर्भर होता है l जब वह मालिक के कहे अनुसार नहीं चलता तो उसे इसकी
भारी कीमत चुकानी पड़ती है l कहानी
में तिवारी के तोते ने जब अपने मालिक के बेटे की बात नहीं मानी तो उसे अपनी जान
गंवानी पडीl
4. जंगल के तोते ने तिवारी के तोते को
वास्तविकता का अहसास दिलाने के लिए क्या समझाया ?
उत्तर – वास्तविकता
का अहसास दिलाने के लिए जंगल के तोते ने कहा, “सिर्फ एक दिन अपने मालिक की बात न सुन और उसकी बात
का उसकी बोली में जवाब न दे और फिर देख, क्या होता है।"
5. लेखक ने तोतों के माध्यम से क्या
संदेश दिया है?
उत्तर – लेखक तोतों
के माध्यम से हमें स्वतंत्रत एवं आत्मनिर्भर होने का संदेश दे रहे हैं। गुलामी के जीवन
से कहीं अच्छी खतरों से भरी ज़िंदगी होती है ।
अर्थ-ग्रहण संबंधी प्रश्न (Questions Based on Comprehension)
निम्नलिखित
गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
"तुझ पर लानत
है। तेरी आजादी का रंग मुर्दा हो चुका है और तेरी आँखें अंधी हो गई हैं। वर्ना तू
इस पिंजरे की तारीफ़ न करता, जिसने
तेरी देह को ही कैद नहीं किया, तेरी आत्मा को भी कैद कर लिया है। मैं तुझे जंगल से यह बताने के लिए आया हूँ
कि तू अभागा है। "
1. "तुझ पर लानत है।" जंगल के तोते ने ऐसा क्यों कहा?
उत्तर - पिंजरे के
तोते को आजादी की चाह नहीं थी, वह यह नहीं देख पा रहा था की वह कैद है। इसलिये जंगल के तोते ने कहा -
“तुझ पर लानत है”।
2. वह जंगल से क्या बताने के लिए आया था?
उत्तर - वह जंगल
से यह बताने आया था कि पिंजरे का तोता अभागा है, उसकी देह ही नहीं आत्मा को भी कैद कर लिया गया है।
3. निम्नलिखित शब्दों के दो-दो
पर्यायवाची शब्द लिखिए- आँखें, देह, जंगल
आँखें = नयन ,
नेत्र
देह = शरीर,
काया
जंगल = वन,
कानन
बात भाषा की
1. निम्नलिखित शब्दों में उपसर्ग जोड़कर
नए शब्द बनाइए-
(क) भाग्य
दु: + भाग्य = दुर्भाग्य
(ख) भाव
स्व + भाव = स्वभाव
(ग) राज
स्व + राज्य = स्वराज्य
(घ) हाल
बे + हाल = बेहाल
(ङ) कार
प्र + कार = प्रकार
2. निम्नलिखित शब्दों से विशेषण शब्द
बनाइए-
(क)जंगल (ख)
मजबूती (ग) कैद (घ) आज़ादी (ङ) रंग (च) हैरानी (छ) दया (ज) दिन
(क)जंगल - जंगली
(ख) मजबूती -
मजबूत
(ग) कैद - कैदी
(घ) आज़ादी - आज़ादी
(ङ) रंग - रंगीन
(च) हैरानी -
हैरान
(छ) दया - दयालु
(ज) दिन - दैनिक
3. निम्नलिखित वाक्यों में रेखांकित पदों
का कारक भेद लिखिए-
(क) तेरे जंगल में खतरा है।
कारक
- अधिकरण
(ख) तेरी बातें
मेरी समझ से बाहर हैं।
कारक - अपादान
(ग) तूने कभी मौत का सामना नहीं किया।
कारक - संबंध
(घ) तू मालिक की बात सुनता है।
कारक - संबंध
(ङ) तिवारी का
बेटा तोते से बातें करने लगा।
कारक - करण
(च) जंगली तोते को गुलेल से मारकर उड़ा
दो ।
कारक -
कर्म
4. निम्नलिखित
गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
तिरुवल्लुवर और
कबीर में अद्भुत समानता है। दोनों के ही माता-पिता ने इन्हें जन्म देकर छोड़ दिया
था। दोनों का ही लालन-पालन निस्संतान दंपतियों ने किया था। दोनों ही गृहस्थ जीवन
व्यतीत करते हुए कपड़ा बुनकर अपनी आजीविका चलाते थे। तिरुवल्लुवर के काव्य ग्रंथ
तिरुक्कुरल की गणना तमिल साहित्य के सर्वश्रेष्ठ ग्रंथों में की जाती है। इसे तमिल
भाषा का वेद माना जाता है।
(क) कबीर और तिरुवल्लुवर के जीवन में
क्या-क्या समानताएँ थीं।
उत्तर - कबीर और
तिरुवल्लुवर दोनों के ही माता-पिता ने इन्हें जन्म देकर छोड़ दिया था। दोनों का ही
लालन-पालन निस्संतान दंपतियों ने किया था। दोनों ही गृहस्थ जीवन व्यतीत करते हुए
कपड़ा बुनकर अपनी आजीविका चलाते थे।
(ख) तमिल साहित्य का वेद किसे माना
जाता है?
उत्तर -
तिरुवल्लुवर के काव्य ग्रंथ तिरुक्कुरल को तमिल साहित्य का वेद माना जाता है।
(ग) माता-पिता' का समास-विग्रह करके समास का नाम लिखिए।
समास =
माता-पिता
विग्रह = माता और
पिता
समास का नाम =
द्वन्द्व
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