Grade-6 Hindi (रोली) अध्यापक के नाम पत्र - पाठ
आदरणीय हेडमास्टर
साहब,
यह पत्र लिखकर मैं
अपने पुत्र की शिक्षा के बारे में लिख रहा हूँ। उसे बहुत कुछ सीखना है। मैं जानता
हूँ कि सभी इंसान ईमानदार और सच्चे नहीं होते, लेकिन हो सके तो उसे किताबों के जादू के बारे में
सिखाइए। इसके अलावा हो सके तो उसे चीजों के बारे में सोचने का वक्त भी दीजिए,
ताकि पंछियों के आसमान में उड़ान भरने, मधु-मक्खियों के धूप में थिरकने और
हरे-भरे पहाड़ों पर फूल के खिलने के रहस्यों पर सोच सके। स्कूल में उसे सिखाइए कि
धोखा देने से असफल होना अच्छा है। भले ही दुनिया उसके विचारों को गलत बताए,
लेकिन वह अपनी सोच पर भरोसा रखना
सीखे उसे विनम्रों के साथ विनम्रता और सख्त इंसानों के साथ सख्ती करना सिखाइए। उसे
इतनी ताकत दीजिए कि वह लकीर का फ़कीर होकर भीड़ के साथ न चल पड़े। उसे सिखाइए कि
वह सबकी बातें सुने, लेकिन
उन्हें सच की कसौटी पर कसे और केवल सही चीजों को ही मंजूर करे l
उसे सिखाइए कि
कैसे दुख में भी हँसा जाता है... कि आँसू अगर बहे तो उसमें कोई शर्म नहीं है। उसे सिखाइए कि सनकी लोगों को झिड़क दे और बहुत मीठी-मीठी बातों से सावधान रहे।
अपनी ताकत और दिमाग की ऊँची कीमत तो लगाए, लेकिन अपने दिल और आत्मों का सौदा न करे। उसे सिखाइए
कि अगर उसे लगता है कि वह सही है तो सामने खड़ी हुई चीखती भीड़ को अनसुना कर दे।
उसके साथ नरमी से पेश आइए, लेकिन
हमेशा गले से लगाकर मत रखिए क्योंकि आग में तपकर ही लोहा फ़ौलाद बनता है।
- अब्राहम लिंकन
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