Grade-6 Hindi (रोली) श्रीलंका की यात्रा - अभ्यास
शब्दार्थ (Word Meanings)
तीर्थाटन =
तीर्थ-यात्रा (pilgrimage)
पाली एक भारतीय
भाषा ( a kind of Indian language)
त्रिपिटक = के
ग्रंथ (epics of Buddha religion)
दीक्षित = जिसने
दीक्षा ली हो (disciple of a religious preceptor)
भाड़ा = किराया
बौद्ध धर्म (fare)
लॉरी = मोटरगाड़ी
(a kind of vehicle)
मुग्ध = मोहित ( attract)
जानकी जी = सीता
जी (Goddess Sita, wife of Lord Rama)
स्तूप शिखर (a
kind of long dwelling place built by emperor Ashok)
श्रोतामंडली = (audience)
वंशज = = श्रोताओं
का समूह किसी वंश में उत्पन्न होनेवाला (belong to one's dynasty)
अग्निशिखा = लौ (flame)
अभ्यास
बात पाठ की
मौखिक (Oral Expression)
1. लेखक के घर की स्त्रियों की क्या
इच्छा थी ?
उत्तर - लेखक के
घर की स्त्रियों की इच्छा थी कि काँग्रेस के मद्रास अधिवेशन के साथ तीर्थाटन भी करती
आयें।
2. लानिया के महाविद्यालय में बौद्ध
ग्रंथों का अध्ययन कौन कर रहा था?
उत्तर – लानिया के
महाविद्यालय में बौद्ध ग्रंथों का अध्ययन श्री रामोदारदास जी कर रहे थे।
3. बौद्ध धर्म में दीक्षा लेने के बाद
श्री रामोदारदास किस नाम से प्रसिद्ध हुए?
उत्तर – बौद्ध
धर्म में दीक्षा लेने के बाद श्री रामोदारदास श्री राहुल सांकृत्यायन नाम से
प्रसिद्ध हुए।
4. लेखक और उसके साथियों ने किस पहाड़ पर
रात बिताई?
उत्तर - लेखक और उनके
साथियों ने नूरएलिया के पहाड़ पर रात बिताई।
5. लेखक अपने साथ क्या लाए थे?
उत्तर – लेखक अपने
साथ अशोक के पत्ते और राख लाए थे ।
बहुविकल्पीय
प्रश्न (Multiple Choice Questions)
सही उत्तर के सामने / लगाइए-
1. लेखक और अन्य लोग जाते समय
गोदावरी-स्नान के लिए कहाँ ठहरे थे?
उत्तर - लेखक और
अन्य लोग जाते समय गोदावरी-स्नान के लिए राजमहेंद्री में ठहरे थे।
2. 'बड़ा स्तूप' कहाँ स्थित है?
उत्तर - 'बड़ा स्तूप' अनुराधपुर में
स्थित है।
3. अनुराधपुर में 'महाबोधि वृक्ष' की शाखा किसने लगाई थी?
उत्तर - अनुराधपुर
में 'महाबोधि वृक्ष' की शाखा सम्राट अशोक के पुत्र महेंद्र ने
लगाई थी।
4. बौद्ध धर्म की दीक्षा किसने ली थी?
उत्तर - बौद्ध
धर्म की दीक्षा श्री रामोदारदास जी ली थी।
5. सीताएलिया क्यों प्रसिद्ध है?
उत्तर – सीताएलिया
इसलिए प्रसिद्ध है क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि यहाँ पर रावण ने श्री जानकी जी को
कैद करके अशोक वाटिका में रखा था।
लघु उत्तरीय प्रश्न ( Short Answer Type
Questions)
1. लेखक के साथ तीर्थाटन के लिए कौन-कौन
गया था?
उत्तर – लेखक के साथ
तीर्थाटन के लिए उनके भाई साहब की पत्नी, उनकी पत्नी और कई मित्रों के घर की महिलाएँ मद्रास गईं।
2. श्री रामोदरदास को श्रीलंका में
क्या-क्या पढ़ने और पढ़ाने का अवसर प्राप्त हुआ?
उत्तर - श्री
रामोदरदास को श्रीलंका में पाली त्रिपिटक आदि ग्रंथों को पढ़ने और संस्कृत पढ़ाने
का अवसर प्राप्त हुआ।
3. लेखक अशोक के पत्ते और राख अपने साथ
क्यों लाए ?
उत्तर – लेखक अशोक
के पत्ते और राख अपने साथ लाए क्योंकि इन्हे देखकर रामायण में वर्णित अशोक वाटिका
और हनुमान जी द्वारा श्रीलंका के जलाए जाने की बात याद आती है ।
4. अनुराधपुर में दीपक
कितने वर्षों से निरंतर जल रहा है?
उत्तर - अनुराधपुर
में दीपक बाईस-तेईस सौ बरसों वर्षों से निरंतर जल रहा है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type
Questions)
1. सीताएलिया की प्राकृतिक सुंदरता का
वर्णन कीजिए।
उत्तर – सीताएलिया
की प्राकृतिक सुंदरता का वर्णन इस प्रकार है -
1. सीताएलिया
पहाड़ के नीचे स्थित है।
2. इसके चारों और
पहाड़ हैं।
3. ऐसा मालूम होता
है कि प्रकृति ने मानो एक कटोरा बना दिया है, जिसकी दीवारें पहाड़ की हैं और जिसके पेंदे में एक
छोटा-सा झरना है।
4. वहीं एक छोटा
मंदिर-सा है जहाँ जानकी जी कैद की गई थीं।
2. सीताएलिया के चारों ओर स्थित पहाड़ की
मिट्टी कैसी थी?
उत्तर - सीताएलिया
के चारों ओर स्थित पहाड़ में में कई तरह की मिट्टी या पत्थर देखने में आते थे। उसमें
एक तह, जो प्रायः दो-तीन फुट
चौड़ी थी, ऐसी मिट्टी की थी जो
बिलकुल राख जैसी थी।
3. अनुराधपुर की विशेषताओं का वर्णन
कीजिए।
उत्तर - अनुराधपुर
की विशेषताओं का वर्णन इस प्रकार है –
1. यहाँ एक बहुत
बड़ा स्तूप है।
2. अशोक के पुत्र
महेंद्र ने, यहीं 'गया' से लाई हुई महाबोधि वृक्ष की एक शाखा लगाई थी।
3. पीपल के एक वृक्ष के पास बौद्धों की धार्मिक सभा
होती है ।
4. लोगों बताते हैं
कि पीपल का यह वृक्ष वही है, जिसे
महेंद्र ने लाकर लगाया था।
5. वहाँ महेंद्र का जलाया हुआ दीप बाईस-तेईस सौ बरसों से लगता जल
रहा है।
4. अनुराधपुर में क्या जानकर लेखक को
आश्चर्य हुआ?
उत्तर – अनुराधपुर
में लेखक को यह जानकार आश्चर्य हुआ कि वहाँ जो दीप जल रहा था, वह भी महेंद्र का जलाया हुआ है। उस समय से
आज तक वह दीप कभी बुझा नहीं है। यदि यह सच है तो शायद दुनिया में ऐसी कोई दूसरी
अग्निशिखा न मिलेगी जो दो हज़ार बरसों से भी ज़्यादा समय से बराबर जलती आ रही हो।
अर्थ-ग्रहण संबंधी प्रश्न (Questions]
Based on Comprehension)
पीपल के एक वृक्ष
के पास बौद्धों की धार्मिक सभा हो रही थी। लोगों ने बताया कि पीपल का यह वृक्ष वही
है, जिसे महेंद्र ने लाकर
लगाया था। यों तो बोधगया में भी जो महाबोधि वृक्ष है वह भी उस समय का नहीं है,
पर उसी स्थान पर उसी वृक्ष का वंशज
है। उसी तरह अनुराधपुर का महाबोधि वृक्ष भी महेंद्र का लगाया हुआ नहीं है, उसका वंशज है जो उस स्थान पर आज तक
किसी-न-किसी तरह से कायम है।
1. पीपल के वृक्ष के पास क्या कार्यक्रम
हो रहा था?
उत्तर – पीपल के वृक्ष
के पास बौद्धों की धार्मिक सभा हो रही थी।
2. अनुराधपुर और बोधगया में स्थित
महाबोधि वृक्ष में क्या समानता है?
उत्तर - अनुराधपुर
और बोधगया में स्थित महाबोधि वृक्ष दोनों एक की वृक्ष के वंशज हैं और दोनों का संबंध
बौद्ध धर्म से है।
3. (i) 'महेंद्र' शब्द का संधि-विच्छेद कीजिए।
महेंद्र = महा + इन्द्र
(ii) 'धार्मिक' शब्द में प्रयुक्त प्रत्यय अलग कीजिए ।
धार्मिक = धर्म + इक
बात भाषा की
1. निम्नलिखित शब्दों का
वर्ण-विच्छेद कीजिए-
(क) मद्रास (ख)
श्रीलंका (ग) स्नान
(क) मद्रास = म् +
अ + द् + र् + आ + स् + अ
(ख) श्रीलंका = श्
+ र् + ई + ल् + अ + ङ् + क् + आ
(ग) स्नान = स् +
न् + आ + न् + अ
* जिस
क्रिया से यह पता चले कि कर्ता स्वयं कार्य न करके दूसरों को कार्य करने की
प्रेरणा दे रहा है, उसे
प्रेरणार्थक किया कहते हैं जैसे- अध्यापक बच्चों से पाठ पढ़ाता है। यहाँ अध्यापक
(कर्ता) स्वयं पाठ न पढ़कर बच्चों से पढ़वाता है। 'पढ़वाता' शब्द
प्रेरणार्थक क्रिया है।
2. निम्नलिखित वाक्यों में
प्रेरणार्थक क्रियाओं को रेखांकित कीजिए-
(क) उन्होंने हमें
रामेश्वरम के दर्शन करवाए।
(ख) उन्होंने
प्राचीन गुफा में सुंदर चित्र बनवाए।
(ग) रावण ने सीता
को अशोक वाटिका में रखवाया और उनपर कड़ा पहरा लगवाया।
(घ) भिक्षुओं ने
धार्मिक सभा का आयोजन करवाया।
3. निम्नलिखित शब्दों के अर्थ
लिखिए-
(क) पथरीली (ख)
दीक्षित (ग) वर्णित
(क) पथरीली = कंकड़ों-पत्थरों
से युक्त
(ख) दीक्षित = जिसने
दीक्षा ली हो
(ग) वर्णित = वर्णन
किया गया
4. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़िए
और उचित विराम-चिह्न लगाइए-
दृश्य बहुत ही
सुंदर था हृदय पर उसका बहुत प्रभाव पड़ा हम उपदेश को समझ तो न सके पर वहाँ बैठी
हुई श्रोतामंडली बीच बीच में जो साधु साधु कह उठती थी उसे हम समझ सके।
दृश्य बहुत ही
सुंदर था। हृदय पर उसका बहुत प्रभाव पड़ा। हम उपदेश को समझ तो न सके, पर वहाँ बैठी हुई श्रोतामंडली बीच-बीच में
जो 'साधु! साधु !' कह उठती थी, उसे हम समझ सके।
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