Grade-6 Hindi (रोली) समय नहीं मिला - अभ्यास
अभ्यास
बात पाठ की
मौखिक (Oral Expression)
1. समय न मिलने का बहाना कैसे लोग करते
हैं?
उत्तर - समय न
मिलने का बहाना अनियमित लोग करते हैं।
2. डॉ० जॉनसन के मित्र ने समय न मिलने के
कौन-कौनसे कारण बताए ?
उत्तर- डॉ० जॉनसन
के मित्र ने समय न मिलने के ये कारण बताए – दिन-रात मिलकर सिर्फ चौबीस घंटे होते
हैं, उनमें से आठ घंटे सोने में ही निकाल जाते हैं, करीब आठ घंटे में ऑफिस में काम
करना पड़ता है और बचे हुए आठ घंटे में कहना-पीना, नहाना-धोना, ऑफिस आना-जाना
इत्यादि काम करने होते हैं ।
3. 'एकता सम्मेलन' का आयोजन किसने करवाया था ?
उत्तर - 'एकता सम्मेलन' का आयोजन महामना मालवीय जी ने करवाया था।
4. क्या समय सभी के लिए बराबर है?
उत्तर – हाँ, समय
सभी के लिए बराबर है।
5. क्या परिश्रम करके समय को बढ़ाया जा
सकता है?
उत्तर- नहीं, परिश्रम
करके समय को नहीं बढ़ाया जा सकता है।
लिखित (Written
Expression)
● बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)
सही उत्तर के सामने (✔) लगाइए-
1. काम से बचने के लिए लोग क्या बहाना
बनाते हैं?
(क) याद नहीं रहा
(ख) तबीयत खराब है
(ग) समय नहीं मिला
(✔)
(घ) कहीं जाना
पड़ा था
2. बड़े लोगों की दिनचर्या कैसी होती है?
(क) फ़ोन पर बातें
करने की
(ख) काम को टालने
की
(ग) नौकरों से काम
करवाने की
(घ) व्यवस्थित व
नियमित ढंग से कार्य करने की (✔)
3. धन से अधिक महत्वपूर्ण किसे माना गया
है?
(क) बच्चों को
(ख) कार्य को
(ग) परिवार को
(घ) समय को (✔)
4. लेखक किन लोगों को मुबारकबाद देता है?
(क) समय का महत्व
पहचानने वालों को (✔)
(ख) समय का
दुरुपयोग करनेवालों को
(ग) आलसी लोगों को
(घ) अधिक धन कमाने
वालों को
लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type
Questions)
1. लोग समय न मिलने का बहाना क्यों करते
हैं?
उत्तर - लोग समय न
मिलने का बहाना अपनी कमजोरी और अनियमितता को ढकने के लिए करते हैं।
2. डॉ० जॉनसन के मित्र ने धार्मिक ग्रंथ
न पढ़ने का क्या कारण बताया?
उत्तर - डॉ० जॉनसन
के मित्र ने धार्मिक ग्रंथ न पढ़ने का कारण ‘समय नहीं मिलना’ बताया।
3. लेखक किस लालसा से सम्मेलन स्थल पर
जाया करते थे?
उत्तर - लेखक नेताओं
के दर्शन और उनके हस्ताक्षर लेने की लालसा से सम्मेलन स्थल पर जाया करते थे।
4. नेतागण सम्मेलन आरंभ होने से पहले ही
तितर-बितर क्यों हो जाते थे?
उत्तर – मालवीय जी
की अनुपस्थिति के कारण थोड़ी देर उनकी राह देखकर नेतागण सम्मेलन आरंभ होने से पहले
ही तितर-बितर क्यों हो जाते थे।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type
Questions)
1. विदेशी लोग समय की बर्बादी किन
कार्यों में करते हैं?
उत्तर - विदेशी
लोग वैसे तो समय के पाबंद होते हैं पर थियेटर के टिकट लेने के दो-दो, तीन-तीन घंटे लगातार लंबी-लंबी कतारों में खड़े
रहते हैं। इन कतारों में जवान, बूढ़े, स्त्री, पुरुष सभी रहते हैं। कभी-कभी तीन घंटे खड़े
रहने के बाद भी थियेटर में जगह न रहने के कारण कुछ लोगों को वापस जाना पड़ता है।
2. किसी भी व्यक्ति की प्रशंसा कब होती
है?
उत्तर - किसी भी
व्यक्ति की प्रशंसा तब ही होती है जब वह खुशमिजाज़ रहकर और दूसरों को भी निभाकर आप
अपने वक्त का अच्छा उपयोग कर सकें।
3. लेखक के अनुसार दिनभर स्फूर्ति कैसे
अनुभव की जा सकती है?
उत्तर - लेखक के अनुसार हम अगर सिर्फ़ सुबह ही जल्दी
उठना शुरू कर दें तो अपना काफ़ी समय बचा लेंगे और दिनभर स्फूर्ति भी महसूस करेंगे।
4. "आप घड़ी के ठोके के साथ ज़िंदगी की
ताल न बैठा लें।" लेखक ने ऐसा क्यों कहा है?
उत्तर -"आप घड़ी के ठोके के साथ ज़िंदगी की ताल न
बैठा लें।" इस वाक्य से लेखक का तात्पर्य है कि समय की पाबंदी अच्छी चीज है
पर अगर हम अपने कार्यक्रम में ज़रा भी लचक और भिन्नता की गुंजाइश न रखें तो हम अपना
और अपने घरवालों का जीवन सुखी न बना सकेंगे। फिर तो शायद हमारा मिजाज भी चिड़चिड़ा
हो जाएगा और हम दूसरों पर जो अपना समय ज़रा भी बर्बाद करते हैं, नाराज़ होना शुरू कर देंगे।
5. “ समय के सागर में शेयर बाज़ार की तरह
दिन में कितनी ही बार ज्वार-भाटा नहीं आता।" आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर - “ समय के सागर में शेयर बाज़ार की तरह दिन में
कितनी ही बार ज्वार-भाटा नहीं आता।" इस वाक्य से लेखक का तात्पर्य यह है कि समय
के साम्राज्य में ऊँच-नीच का भेदभाव नहीं है। उसके लिए अमीर-गरीब, बादशाह-कंगाल सब बराबर हैं। सभी के पास बराबर समय है।
अर्थ-ग्रहण संबंधी प्रश्न (Questions
Based on Comprehension)
आजकल की विचित्र
अर्थव्यवस्था में हमारे धन की कीमत रोज घट-बढ़ सकती है। अगर बैंक जवाब दे दें तो
एक करोड़पति मिनटों में गरीब और भिखमंगा भी बन सकता है, किंतु कुदरत का इंतजाम नहीं बिगड़ता। समय के सागर
में शेयर बाज़ार की तरह दिन में कितनी ही बार ज्वार-भाटा नहीं आता। धन की दुनिया
में अमीर-गरीब, बादशाह-कंगाल
का फ़र्क है। पर खुशकिस्मती से समय के साम्राज्य में ऊँच-नीच का भेदभाव नहीं है।
1. एक करोड़पति मिनटों में गरीब कैसे बन
सकता है?
उत्तर - अगर बैंक
जवाब दे दें तो एक करोड़पति मिनटों में गरीब बन सकता है।
2. शेयर बाज़ार में ज्वार-भाटा आने का
क्या अर्थ है?
उत्तर - शेयर बाज़ार में ज्वार-भाटा आने का अर्थ दिन में
कई बार शेयर के दाम ऊपर-नीचे होना है।
3. निम्नलिखित शब्दों के अर्थ बताइए-
कुदरत, कंगाल |
कुदरत – प्रकृति
कंगाल – गरीब
बात भाषा की
1. निम्नलिखित शब्दों के विलोम
शब्द लिखिए-
(क) सवाल – जवाब
(ख) शुरू – खत्म
(ग) दिन – रात
(घ) सुखी – दुखी
(ङ) मान – अपमान
(च) गरीब – अमीर
'शक्ति' शब्द में
यथा जोड़कर नया शब्द 'यथाशक्ति' बना है, जिसका अर्थ
है- शक्ति के अनुसार
2. निम्नलिखित शब्दों में 'यथा' जोड़कर नए शब्द बनाइए-
(क) स्थान
यथा + स्थान =
यथास्थान
(ख) योग्य
यथा + योग्य =
यथायोग्य
(ग) वत
यथा + वत = यथावत
3. निम्नलिखित शब्दों में 'ई' प्रत्यय जोड़कर नए शब्द
बनाइए-
(क) कीमत + ई = कीमती
(ख) परिश्रम + ई = परिश्रमी
(ग) गरीब + ई = गरीबी
(घ) बर्बाद + ई = बर्बादी
(ङ) गलत + ई = गलती
(च) देर + ई = देरी
(छ) हैरान + ई = हैरानी
(ज) कमज़ोर + ई = कमज़ोरी
* जो
विशेषण शब्द किसी संज्ञा अथवा सर्वनाम की ओर संकेत करते हैं, वे
सार्वनामिक अथवा संकेतवाच कहलाते हैं; जैसे- यह पुस्तक आपकी है?
4. निम्नलिखित वाक्यों से
सार्वनामिक विशेषण चुनकर लिखिए-
(क) वह
सम्मेलन सफल नहीं हो सका।
सार्वनामिक विशेषण
– वह
(ख) उस
सम्मेलन में शरीक होने के लिए नेता यथासमय आते थे।
सार्वनामिक विशेषण
– उस
(ग) इस देश
में समय की बर्बादी करनेवाले इक्के-दुक्के नहीं हैं।
सार्वनामिक विशेषण-
इस
(घ) इन
कतारों में जवान, बूढ़े,
स्त्री-पुरुष सभी शामिल हैं।
सार्वनामिक विशेषण-
इन
* कई
पदों से मिलकर बने हुए वाक्यांश जब एक ही पद का कार्य करते हैं तो वे पदबंध कहलाते
हैं।
जैसे- छोटे-छोटे बच्चे स्कूल जा रहे हैं। यहाँ 'छोटे-छोटे
बच्चे' एक पदबंध
है। यह संज्ञा पदबंध है,
'जा रहे हैं' यह भी एक पदबंध है। इससे उनके स्कूल जाने के कार्य का बोध
हो रहा है। यह क्रिया पदबंध है।
5. निम्नलिखित वाक्यों में क्रिया
पदबंध को रेखांकित कीजिए-
अगर
आप अपने समय का पूरा फ़ायदा उठाते हैं और एक मिनट भी बर्बाद नहीं करते तो आपको
मुबारकबाद। अगर नहीं, तो क्या आप अपने जीवन पर गहरी और तीखी
नज़र डालकर देखेंगे कि आप कितना वक्त जाया करते हैं और उसका क्या सदुपयोग किया जा
सकता है? अगर सिर्फ़ सुबह ही जल्दी उठना शुरू
कर दें तो आप काफ़ी समय बचा लेंगे और दिन भर स्फूर्ति भी महसूस करेंगे।
अगर आप अपने
समय का पूरा फ़ायदा उठाते हैं और एक मिनट भी बर्बाद नहीं
करते तो आपको मुबारकबाद। अगर नहीं, तो क्या आप अपने जीवन पर गहरी और तीखी
नज़र डालकर देखेंगे कि आप कितना वक्त जाया करते हैं और उसका क्या
सदुपयोग किया जा सकता है? अगर सिर्फ़ सुबह ही जल्दी उठना शुरू कर दें तो आप काफ़ी समय बचा
लेंगे और दिन भर स्फूर्ति भी महसूस करेंगे।
* शब्दों, वाक्यांशों
तथा वाक्यों को जोड़नेवाले शब्दों को समुच्चयबोधक कहते हैं; जैसे- कि, क्योंकि, ताकि, यानी, यदि-तो, और, तथा, या, किंतु, परंतु, इसलिए आदि।
6. निम्नलिखित वाक्यों में
समुच्चयबोधकों को रेखांकित कीजिए-
(क) डॉ० जॉनसन का
एक मित्र आया और अफ़सोस जाहिर करने लगा।
(ख) मैं चाहता हूँ
कि सभी समय का महत्व समझें।
(ग) करोड़पति एक मिनट
में भिखमंगा बन सकता है लेकिन कुदरत का इंतज़ाम नहीं बिगड़ता ।
(घ) वे तीन-तीन
घंटे कतार में खड़े रहते हैं इसलिए कि उन्हें सिनेमा के टिकट मिल जाएँ।
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