Class-8 Sanskrit (Ruchira) अष्टमः पाठः - संसारसागरस्य नायकाः / NCERT Book/ CBSE Syllabus

 

अष्टमः पाठः

संसारसागरस्य नायकाः

 

शब्दार्थाः

सहसैव (सहसा+एव)

 अकस्मात्, अचानक

प्रकटीभूताः

 प्रकट हुए, अचानक

नेपथ्ये

 पर्दे के पीछे

तडागाः

 तालाब

निर्मापयितॄणाम्‌

 बनवाने वालों की

निर्मातॄणाम्‌  

 बनाने वालों की

एककम्

 इकाई

दशकम्

 दहाई

शतकम्

 सैकड़ा

सहस्रकम्

 हजार

जिज्ञासा

 जानने की इच्छा

उद्भूता

 उत्पन्न हुई, जागृत

अस्मात्पूर्वम्

 इससे पहले

मपयितुम्

 मापने/ नापने के लिये

प्रयतितम्

 प्रयत्न किया

बहुप्रथिताः

 बहुत प्रसिद्ध

अशेषे

 सम्पूर्ण

निर्मीयन्ते स्म

 बनाए जाते थे

निर्मातारः

 बनाने वाले

गजधरः

 गज (लंबाई, चौड़ाई, गहराई, मोटाई, मापने की लौहे की छड़) को धारण करने वाला व्यक्ति

तडागनिर्मातॄणाम्‌

 तालाब बनाने वालों के

त्रिहस्तपरिमाणात्मिकीम्

 तीन हाथ के नाप की

लौहयष्टिम्

 लोहे की छड़

समादृताः

आदर को प्राप्त

गाम्भीर्यम्

 गहराई

वास्तुकाराः

 भवन आदि का निर्माण करने वाले

कामम्

 चाहे भले ही

निभालयन्ति स्म

 निभाते थे

आधृतानि

 आधारित

आकलयन्ति स्म

 अनुमान करते थे

उपकरणसम्भारान्

 साधन सामग्री को

संगृह्‍णन्ति स्म

 संग्रह करते थे

प्रतिदाने

 बदले में

याचन्ते स्म

 माँगते थे

अतिरिच्य – अतिरिक्त

 

 

अभ्यासः

1. एकपदेन उत्तरत-

 

क. कस्य राजस्य भागेषु गजधरः शब्दः प्रयुज्यते?

उत्तर- राजस्थानस्य

 

ख. गजपरिमाणं कः धारयति?

उत्तर- गजधरः

 

ग. कार्यसमाप्तौ वेतनानि अतिरिच्य गजधरेभ्यः किं प्रदीयते स्म?

उत्तर- सम्मानम्

 

घ. के शिल्पिरूपेण न समादृताः भवन्ति?

उत्तर- गजाधराः

 

2. अधोलिखितानां प्रश्नानामुत्तराणि लिखत-

 

क. तडागाः कुत्र निर्मीयन्ते स्म?

उत्तर- तडागाः सम्पूर्ण देष निर्मियन्ते स्म।

 

ख.  गजधराः कस्मिन्‌ रूपे परिचिताः?

उत्तर- गजाधराः वास्तुकाराणां रूपे परिचिताः।

 

ग. गजधराः किं कुर्वन्ति स्म?

उत्तर- गजधराः नगरे नियोजनात् लघुनिर्माण पर्यन्तं  सर्वाणि कार्याणि कुर्वन्ति स्म्।

 

घ. के सम्माननीयाः?

उत्तर- गजाधराः सम्माननीयाः।

 

3. रेखांकितानि पदानि आधृत्य प्रश्‍न निर्माणं कुरूत-

 

क. सुरक्षाप्रबन्धस्य दायित्व गजधराः निभालयन्ति स्म।

उत्तर- कस्य दायित्व गजाधराः  निभालयन्ति स्म?

 

ख. तेषां स्वामिनः असमर्थाः सन्ति।

उत्तर- केषां स्वामिनः असमर्थाः सन्ति?

 

ग. कार्यसमाप्तौ वेतनानि अतिरिच्य सम्मानमपि प्राप्नुवन्ति।

उत्तर-कार्यसमाप्तो कानि वेतनानि  अतिरिच्य सम्मानमपि प्राप्नुवति?

 

घ. गजधरः सुन्दरः शब्द: अस्ति।

उत्तर- कः सुन्दरः शब्द: अस्ति?

 

ड. तडागाः संसारसागराः कथ्यन्ते।

उत्तर- के संसारसागराः कथ्यन्ते?

 

4. अधोलिखितेषु यथापेक्षितं सन्धि/ विच्छेदं कुरूत-

 

क. अद्य + अपि = अद्यापि

ख. स्मरण + अर्थम् = स्मरणार्थम्

ग. इति + अस्मिन् = इत्यस्मिन्

घ. एतेषु + एव = एतेष्वेव

ड. सहसा + एव = सहसैव

 

5. मञ्जूषातः समुचितानि पदानि चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत-

      रचयन्ति, गृहीत्वा, सहसा,  जिज्ञासा, सह

 

क.  छात्राः पुस्तकानि गृहीत्वा विद्यालयं गच्छन्ति।

ख.  मालाकाराः पुष्पैः मालाः रचयन्ति

ग.  मम मनसि एका जिज्ञासा वर्तते।

घ. रमेशः मित्रैः सह विद्यालयं गच्छति।

ड. सहसा बालिका तत्र अहसत।

 

6.  पदनिर्माणं कुरूत-

       धातुः- प्रत्ययः- पदम्

यथा- कृ+ तुमुन् = कर्तुम्‌

        हृ + तुमुन् = हृतुम्‌

        तृ + तुमुन् = तर्तुम्

यथा- नम्+ क्त्वा = नत्वा

        गम् + क्त्वा = गत्वा

        त्यज् + क्त्वा = त्यक्त्वा

        भुज् + क्त्वा = भुक्त्वा

       

   उपसर्गः- धातुः- प्रत्ययः- पदम्

      यथा- उप-गम्-ल्यप् = उपगम्य

            सम्- पूज्- ल्यप् = सम्पूज्य

            आ-नी-ल्यप् = आनय

            प्र -दा-ल्यप् =  प्रदाय

 

7.कोष्ठकेषु दत्तेषु शब्देषु समुचितां विभक्तिं योजयित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत-

 

यथा- विद्यालयं परितः वृक्षाः सन्ति।  (विद्यालय)

क. ग्रामम् उभयतः ग्रामाः सन्ति।  (ग्राम)

ख. नगरं सर्वतः अटृालिकाः सन्ति। (नगर)

ग. धिक् कापुरूषं  (कापुरूष)

 

यथा- मृगाः मृगैः सह धावन्ति। (मृग)

क. बालकाः बालिकाभिः सह पठन्ति। (बालिका)

ख. पुत्र पित्रा सह आपणं गच्छति। (पितृ)

ग. शिशुः मात्रा सह क्रीडति। (मातृ)

             

योग्यता विस्तारः

 

अनुपम मिश्र-जल संरक्षण के पारंपरिक ज्ञान को समाज के सामने लाने का श्रेय जिन लोगों को है श्री अनुपम मिश्र (जन्म 1948) उनमें अग्रगण्य हैं। 'आज भी खरे है तालाब’ और ‘राजस्थान की रजत बूँदें' पानी पर उनकी बहुप्रशंसित पुस्तकें हैं।

 

भाषा-विस्तारः

कारक

 

सामान्य रूप से दो प्रकार की विभक्तियाँ होती हैं।

1. कारक विभक्ति    2. उपपद विभक्ति।

 

कारक चिह्नों के आधार पर जहाँ पदों का प्रयोग होता है उसे कारक विभक्ति कहते हैं। किन्तु किन्हीं विशेष पदों के कारण जहाँ कारक चिह्नों की उपेक्षा कर किसी विशेष

विभक्ति का प्रयोग होता है उसे उपपद विभक्ति कहते हैं, जैसे सर्वतः अभितः, परितः, धिक् आदि पदों के योग में द्वितीया विभक्ति होती है।

उदा - (क) विद्यालय परितः पुष्पाणि सन्ति ।

(ख) धिक् देशद्रोहिणम्।

 

सह, साकम् सार्द्धम् समं के योग में तृतीया विभक्ति होती है।

उदा - (क) जनकेन सह पुत्रः गतः ।

(ख) दुर्जनेन समं सख्यम्।

 

नमः, स्वस्ति, स्वाहा, स्वधा के योग में चतुर्थी विभक्ति प्रयुक्त होती है-

 

उदा-  (क) देशभक्ताय नमः।

(ख) नमः एतादृशेभ्यः शिल्पिभ्यः |

(ग) जनेभ्यः स्वस्ति ।

 

अलम् शब्द के दो अर्थ हैं- पर्याप्त एवं मत (वारण के अर्थ में)। पर्याप्त के अर्थ में चतुर्थी विभक्ति होती है जैसे-देशद्रोहिणे अलं देशरक्षकाः।

 

मना करने के अर्थ में तृतीया विभक्ति होती है, जैसे- अलं विवादेन।

 

विना के योग में द्वितीया, तृतीया एवं पञ्चमी विभक्तियाँ होती हैं, जैसे-परिश्रमं / परिश्रमेण/परिश्रमात् विना न गतिः ।

 

निम्नलिखित क्रियाओं के एकवचन बनाने का प्रयास करें

 

आकलयन्ति, संगृह्णन्ति प्रस्तुवन्ति ।

 

जिज्ञासा-जानने की इच्छा। इसी प्रकार के अन्य शब्द हैं-पिपासा, जिग्मिषा, विवक्षा, बुभूक्षा।

 

भाव-विस्तार:

 

अगर हम ध्यान से देखें तो हमारे चारों तरफ ज्ञान एवं कौशल के विविध रूप दिखाई देते हैं। इसमें कुछ ज्ञान और कौशल फलते-फूलते हैं और कई निरंतर क्षीण होते हैं।

इसके कई उदाहरण हमारे सामने पानी व्यवस्थापन संरक्षण और खेती-बाड़ा के करल पारंपरिक तौर-तरीका, तथा कारीगरी का दुर्लभ और विलुप्त होने कगा पर है। वहीं अभियान्त्रिकी संचार संबंधित ज्ञान उभार पर है। दरअसल क तरह का और कौशल आगे विकसित प्रगुणित होगा और किस तरह का ज्ञान एवं कौशल पिछड़ेगा, विलुप्त होने लिए विवश होगा बात पर निर्भर कि देश और किस विकास

 

परियोजना कार्यम्

 

आने वाली छुट्टियों अपने आस-पास के क्षेत्र उन पारंपरिक एवं कौशलों पता लगाएँ जिनका स्थान समाज में अब निरंतर घट रहा है। उन्हें कोई उचित प्रोत्साहन नहीं मिल रहा है या  विलुप्त होने कगार उनकी एक सूची तैयार करें। और उनके लिए प्रयुक्त वाले संस्कृत शब्द लिखें। अपने अपने मित्रों तैयार की अलग-अलग सूचियों को सामने रखते हुए इन पारंपरिक कौशलों के का लगाएँ।

 


 

 

 

 

 

Comments

Popular posts from this blog

Class-5 EVS, Chapter-13, A Shelter so High! , Additional Exercises with Solutions/ NCERT

Class-5, EVS, Chapter-18, No Place for Us?, Additional Exercises with Solutions / NCERT

Class-5 EVS Chapter-1 Super Senses/NCERT

Class-3 EVS, Chapter-8 Flying High, Additional exercises with solutions

Class-4 EVS Chapter-4 The Story of Amrita