Class-8 Sanskrit (Ruchira) द्वादशः पाठः कः रक्षति कः रक्षितः / NCERT Book/ CBSE Syllabus
द्वादशः पाठः
कः रक्षति कः रक्षितः
शब्दार्थाः
काश्चन (काः+चन) |
कुछ |
चर्चयन्ति |
चर्चा करते हैं |
पुटकेषु |
छोटी थैली (पाउच) |
स्यूतः |
थैला/थैली |
जलकूपी |
पानी की बोतल |
हला |
सखी के लिए सम्बोधन |
कङ्कतम् |
कंघा/ कंघी |
कङ्कणम् |
कंगन |
कार्पासेन |
कपास से |
लाक्षया |
लाख से |
मृत्तिकया |
मिट्टी से |
विकीर्णानि |
बिखरी हुई/ फैली हुई |
प्रमादम् |
आलस्य |
काष्ठपीठे |
लकड़ी की बैंच पर |
आहत्य |
कुल मिलाकर |
मसियष्ट्या |
रिफिल से |
न्यूनान्न्यूनम्
(न्यूनात्+ न्यूनम्) |
कम से कम |
प्रायशः |
प्रायः, लगभग |
विलुप्यन्ते |
लुप्त हो जाते हैं |
अपक्षीयते |
नष्ठ हो जाता है |
विलीयन्ते |
विलीन हो जाते हैं |
लयाभावात्
(लय+अभावात्) |
लीन/नष्ट न होने के कारण |
सृज्यते |
निर्मित किया जाता है |
कल्पयतु |
कल्पना कीजिए |
विमृशन्ति |
विचार करते हैं |
अभ्यासः
1. उच्चारणं कुरूत-
पञ्चाशत् - षष्टिः
- सप्ततिः- अशीतिः - नवतिः
त्रिपञ्चाश्त् – द्वाषष्टिः
– चतुस्सप्ततिः - द्वयशीतिः- त्रिनवतिः
पञ्चपञ्चाशत् -
चतष्षष्टिः – प्ञ्चसप्ततिः – चतुरशीतिः - पञ्चनवतिः
सप्तपञ्चाशत् – पञ्चषष्टिः
– सप्तसप्ततिः – पञ्चाशीतिः - षण्णवतिः
अष्टापञ्चाशत् – नवषष्टिः
– अष्टासप्ततिः – नवाशीतिः – शतम्
2. अधोलिखितेषु पदेषु प्रयुक्तां विभक्तिं वचनं च लिखत-
पदानि |
विभक्तिः |
वचनम् |
भ्रमणाय |
चतुर्थी |
एकवचनम् |
वस्तूनि |
प्रथमा, द्वितीया |
बहुवचनम् |
प्लास्टिकेन |
तृतीया |
एकवचनम् |
विकीर्णानि |
प्रथमा, द्वितीया |
बहुवचनम् |
मसियष्ट्या |
तृतीया |
एकवचनम् |
स्यूतकेषु |
सप्तमी |
बहुवचनम् |
काष्ठपीठे |
सप्तमी |
एकवचनम् |
पृथिव्याम् |
सप्तमी |
एकवचनम् |
3. एकपदेन उत्तरत-
क. मसियष्टी-जलकूपी-प्रभूतिनि
वस्तूनि केन पदार्थेन निर्मितानि?
उत्तर- प्लाष्टिकेन
ख. उपवनस्य द्वारे
कानि क्षिप्तानि सन्ति?
उत्तर- प्लास्टि
स्यूतकानि
ग. मृत्तिकायां किं
वस्तु न कदापि विनश्यति?
उत्तर- प्लास्टिकम्
घ. अस्माकं प्रयासः
कस्य रक्षणे अपेक्षितः?
उत्तर- पर्यावरणस्य
4. प्रशनानाम् उत्तराणि लिखत-
क. चेनम्मायाः
सविधे कानि वस्तूनि आसन्?
उत्तर- चेनम्मायाः
सविधे कङ्कतम् , कङ्कणम्, कुण्डलम्,
केशबंधः, कंकणम् इति वस्तूनि आसन्।
ख. पूर्व प्रायः
केन पदार्थेन निर्मितानि वस्तूनि प्राप्यन्ते स्म?
उत्तर- पूर्वं
प्रायः कार्पासेन, चर्मणा, लाक्षया, मृत्तिकया, काष्ठेन
पदार्थेन निर्मितानि वस्तुनि प्राप्यते स्म।
ग. कानि कानि
वस्तूनि पर्यावरणं दूषयन्ति?
उत्तर-
प्लास्टिकनिर्मित सर्वाणि वस्तूनि र्प्यावरणं दूषयति।
घ. प्लास्टिकस्य
मृत्तिकाया लयाभावात् किं भवति?
उत्तर-
प्लास्टिकस्या मृत्तिकायां लयाभावात्
पर्यावरणस्य क्षति भवति।
5. अधोलिखितानां पदानां लकार पुरूषं वचनञ्च लिखत-
पदानि |
धातुः |
लकारः |
पुरुषं |
वचनम् |
सन्ति |
अस् |
लट्लकारः |
प्रथमपुरुषः |
बहुवचनम् |
कुर्मः |
कृ |
लट्लकरः |
उत्तमपुरुषः |
बहुवचनम् |
क्रीणाति |
क्री |
लट्लकारः |
प्रथमपुरुषः |
एकवचनम् |
पश्य |
दृश् |
लोट्लकारः |
मध्यमपुरुषः |
एकवचनम् |
आगच्छ |
आ+गम् |
लोटलकारः |
मध्यमपुरुषः |
एकवचनम् |
प्रचलिष्यति |
प्र+चल् |
लृट्लकारः |
प्रथम पुरुषः |
एकवचनम् |
6. मञ्जूषातः
अङ्कानाम् कृते पदानि चिनुत-
चतुःपञ्चाशषत्,
सप्ताषष्टिः, द्वासप्ततिः, षडशीतिः, चनुर्नवतिः, अष्टानवतिः,
पञ्चसप्ततिः, सप्तनवतिः
67-
सप्तषष्टिः
86-
षड्शीतिः
98-
अष्टानवतिः
97-
सप्तनवतिः
54-
चतुःपञ्चाशत्
72-द्वासप्ततिः
94-
चनुर्नवतिः
75-
पञ्चसप्ततिः
योग्यता विस्तार:
संस्कृत
में अकारान्त स्त्रीलिङ्ग शब्द के रूप प्राप्त नहीं होते हैं। लेकिन लड़कियों के
अकारान्त नाम होते हैं। इनके उदाहरण हैं-परमिन्दर, रोजलिन,
कचनार आदि। यहाँ प्रश्न उठता है कि किस रूप में इन नामों को संस्कृत
में लिखा जाए। इसलिये इस पाठ में व्यञ्जनान्त (परमिन्दर्) रूप में रखा गया है।
संस्कृत में इन्हें व्यञ्जनान्त (परमिन्दर्, रोजलिन्,
कचनार्) मानकर रूप चलाये जाने चाहिए।
परियोजना कार्यम्
चलिए,
आगामी अवकाश में एक अभ्यास करते हैं। जगने से लेकर रात सोने के समय
तक बाजार से आनेवाली और प्रतिदिन काम में आने वाली वस्तुओं को ध्यानपूर्वक देखें
और इनकी एक सूची बनाएँ। उनके लिए संस्कृत में क्या प्रयोग होता है यह जानने का
प्रयास करें। सूची में हर वस्तु के नाम के आगे यह लिखें कि वह किस चीज़ की बनी है।
इसमें प्लास्टिक की बनी हुई चीज़ों को छाँटकर एक जगह लिखें और यह | आकलन करने का प्रयत्न करें कि प्रतिदिन हम कितनी मात्रा में प्लास्टिक का
उपयोग करते हैं।
संस्कृत
में वाक्य में पहले 'अपि' लगाने
से वाक्य प्रश्न वाचक हो जाता है। जैसे-अपि प्रविशाम:? क्या
हम भीतर चलें?
धातु-संयुक्त
तुमुन् प्रत्यय के अनुस्वार का लोप करके उसके आगे कामा/कामः जोड़ने से अमुक कार्य
करना चाहने वाली/चाहने वाला यह मुहावरेदार प्रयोग होता है। जैसे-गन्तुकामा,
वक्तुकामा कर्तुकामः इत्यादि। इस प्रक्रिया के आधार पर नीचे लिखे
वाक्यों का संस्कृत में अनुवाद करें-
(क)
राम क्या कहना चाहता है?
(ख)
क्रिस्तीना कहाँ जाना चाहती है?
(ग)
वह करना क्या चाहता है?
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