Class-6 (रुचिरा) परिशिष्टम्- कारक- विभक्ति- परिचयः/NCERT book/CBSE Syllabus
परिशिष्टम्
कारक- विभक्ति- परिचयः
शब्दरूपाणि
अकारान्त - पुँल्लिड्.ग -शब्दः
बालक
विभक्तिः |
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमा |
बालकः |
बालकौ |
बालकाः |
द्वितीया |
बालकम् |
बालकौ |
बालकान् |
तृतीया |
बालकेन |
बालकाभ्याम् |
बालकैः |
चतुर्थी |
बालकाय |
बालकाभ्याम् |
बालकेभ्यः |
पञ्च्मी |
बालकात् |
बालकाभ्याम् |
बालकेभ्यः |
षष्ठी |
बालकस्य |
बालकयोः |
बालकानाम् |
सप्तमी |
बालके |
बालकयोः |
बालकेषु |
सम्बोधनम् |
हे बालक! |
हे बालकौ! |
हे बालकाः! |
एवमेव नृप - देव - राम - पितामह - पण्डित – इत्यादीनाम् अकारान्त -
पुल्लिंग - शब्दानां रूपाणि भवन्ति |
आकारान्त- स्त्रीलिंड्ग-शब्दः
बालिका
विभक्तिः |
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमा |
बालिका |
बालिके |
बालिकाः |
द्वितीया |
बालिकाम् |
बालिके |
बालिकाः |
तृतीया |
बालिकया |
बालिकाभ्याम् |
बालिकाभिः |
चतुर्थी |
बालिकायै |
बालिकाभ्याम् |
बालिकाभ्यः |
पञ्चमी |
बालिकायाः |
बालिकाभ्याम् |
बालिकाभ्यः |
षष्ठी |
बालिकायाः |
बालिकयोः |
बालिकानाम् |
सप्तमी |
बालिकायाम् |
बालिकयोः |
बालिकासु |
सम्बोधनम् |
हे बालिके! |
हे बालिके! |
हे बालिकाः! |
.
एवमेव लता-रमा-माला-कलिका-इत्यादीनाम्
आकारान्त-स्त्रीलिड.ग- शब्दानां रूपाणि भवन्ति। |
अकारान्त-नपुसकलिड्.ग-शब्दः
पुष्प
विभक्तिः |
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमा |
पुष्पम् |
पुष्पे |
पुष्पाणि |
द्वितीया |
पुष्पम् |
पुष्पे |
पुष्पाणि |
तृतीया |
पुष्पेण |
पुष्पाभ्याम् |
पुष्पैः |
चतुर्थी |
पुष्पाय |
पुष्पाभ्याम् |
पुष्पेभ्यः |
पञ्चमी |
पुष्पात् |
पुष्पाभ्याम् |
पुष्पेभ्यः |
षष्ठी |
पुष्पस्य |
पुष्पयोः |
पुष्पाणाम् |
सप्तमी |
पुष्पे |
पुष्पयोः |
पुष्पेषु |
सम्बोधनम् |
हे पुष्प! |
हे पुष्पे! |
हे पुष्पाणि! |
.
एवमेव फल-पुस्तक-नगर-मित्र-उद्यान्-इत्यादीनाम्
अकारान्त-नपुंसकलिड्.ग-शब्दानां रूपाणि भवन्ति। |
इकारान्त- पुँल्लिड्.ग-शब्दः
मुनि
विभक्तिः |
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमा |
मुनिः |
मुनी |
मुनयः |
द्वितीया |
मुनिम् |
मुनी |
मुनीन् |
तृतीया |
मुनिना |
मुनिभ्याम् |
मुनिभिः |
चतुर्थी |
मुनये |
मुनिभ्याम् |
मुनिभ्यः |
पञ्चमी |
मुनेः |
मुनिभ्याम् |
मुनिभ्यः |
षष्ठी |
मुनेः |
मुन्योः |
मुनीनाम् |
सप्तमी |
मुनौ |
मुन्योः |
मुनिषु |
सम्बोधनम् |
हे मुने! |
हे मुनी! |
हे मुनयः! |
.
एवमेव कवि-हरि-रवि-कपि-इत्यादीनाम् इकारान्त- पुँल्लिड्.ग
-शब्दानां रूपाणि भवन्ति। |
उकारान्त- पुँल्लिड्.ग-शब्दः
भानु
विभक्तिः |
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमा |
भानुः |
भानू |
भानवः |
द्वितीया |
भानुम् |
भानू |
भानून् |
तृतीया |
भानुना |
भानुभ्याम् |
भानुभिः |
चतुर्थी |
भानवे |
भानुभ्याम् |
भानुभ्यः |
प´चमी |
भानोः |
भानुभ्याम् |
भानुभ्यः |
षष्ठी |
भानोः |
भान्वोः |
भानूनाम् |
सप्तमी |
भानौ |
भान्वोः |
भानुषु |
सम्बोधनम् |
हे भानो! |
हे भानू! |
हे भानवः! |
.
एवमेव षिषु-साधु-गुरू-विष्णु- इत्यादीनाम् उकारान्त- पुँल्लिड्.ग
-शब्दानां रूपाणि भवन्ति। |
धातु-रूपाणि
पठ् (पढ़ना)
लट्लकारः (वर्तमानकाल)
पुरुष |
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
पठति |
पठतः |
पठन्ति |
मध्यमपुरुषः |
पठसि |
पठथः |
पठथ |
उत्तमपुरुषः |
पठामि |
पठावः |
पठामः |
लृट्लकारः – (भविष्यत्कालः)
पुरुष |
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
पठिष्यति |
पठिष्यतः |
पठिष्यन्ति |
मध्यमपुरुषः |
पठिष्यासि |
पठिष्यथः |
पठिष्यथ |
उत्तमपुरुषः |
पठिष्यामि |
पठिष्यावः |
पठिष्यामः |
लड्.लकारः- (अतीतकालः)
पुरुष |
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
अपठत् |
अपठताम् |
अपठन् |
मध्यमपुरुषः |
अपठः |
अपठतम् |
अपठत |
उत्तमपुरुषः |
अपठम् |
अपठाव |
अपठाम |
लोट्लकारः- (अनुज्ञा-आदेशः)
पुरूष |
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
पठतु |
पठताम् |
पठन्तु |
मध्यमपुरुषः |
पठ |
पठतम् |
पठत |
उत्तमपुरुषः |
पठानि |
पठाव |
पठाम |
.
एवमेव हस्, चल्, खेल्, खाद्, पा (पिब), दृष् (पश्य), धाव्, पत्, भ्रम्, लिख्, इष् (इच्छा), मिल्-प्रभृतीनां
धातूनां रूपाणि भवन्ति। |
गम्-गच्छ्
(जाना)
लट्लकारः (वर्तमानकालः)
पुरुष |
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
गच्छति |
गच्छतः |
गच्छन्ति |
मध्यमपुरुषः |
गच्छसि |
गच्छथः |
गच्छथ |
उत्तमपुरुषः |
गच्छामि |
गच्छावः |
गच्छामः |
गम्-गच्छ्
(जाना)
लृट्लकारः (वर्तमानकालः)
पुरुषः |
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
गच्छति |
गच्छतः |
गच्छन्ति |
मध्यमपुरुषः |
गच्छसि |
गच्छथः |
गच्छथ |
उत्तमपुरुषः |
गच्छामि |
गच्छावः |
गच्छामः |
लृट्लकारः (भविष्यत्कालः)
पुरुष |
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
गमिष्यति |
गमिष्यतः |
गमिष्यन्ति |
मध्यमपुरुषः |
गमिष्यसि |
गमिष्यथः |
गमिष्यथ |
उत्तमपुरुषः |
गमिष्यामि |
गमिष्यावः |
गमिष्यामः |
लड.्लकारः (अतीतकालः)
पुरुष |
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
अगच्छत् |
अगच्छताम् |
अगच्छन् |
मध्यमपुरुषः |
अगच्छः |
अगच्छतम् |
अगच्छत |
उत्तमपुरुषः |
अगच्छम् |
अगच्छाव |
अगच्छाम |
लोट्-लकारः (अनुज्ञा-
आदेशः)
पुरुष |
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
गच्छतु |
गच्छताम् |
गच्छन्तु |
मध्यमपुरुषः |
गच्छ |
गच्छतम् |
गच्छत |
उत्तमपुरुषः |
गच्छानि |
गच्छाव |
गच्छाम |
स्था-तिष्ठ
(ठहरना)
लट्लकारः- वर्तमानकालः
पुरुष |
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
तिष्ठति |
तिष्ठतः |
तिष्ठन्ति |
मध्यमपुरुषः |
तिष्ठसि |
तिष्ठथः |
तिष्ठथ |
उत्तमपुरुषः |
तिष्ठामि |
तिष्ठावः |
तिष्ठामः |
नी-नय्-
लेना
लट्लकारः (वर्तमानकालः)
पुरुष |
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
नयति |
नयतः |
नयन्ति |
मध्यमपुरुषः |
नयसि |
नयथः |
नयथ |
उत्तमपुरुषः |
नयामि |
नयावः |
नयामः |
लृटलकारः- भविष्यत्कालः
पुरुष |
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
नेष्यति |
नेष्यतः |
नेष्यन्ति |
मध्यमपुरुषः |
नेष्यसि |
नेष्यथः |
नेष्यथ |
उत्तमपुरुषः |
नेष्यामि |
नेष्यावः |
नेष्यामः |
लड्.लकारः (अतीतकालः)
पुरुष |
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
अनयत् |
अनयताम् |
अनयन् |
मध्यमपुरुषः |
अनयः |
अनयतम् |
अनयत् |
उत्तमपुरुषः |
अनयम् |
अनयाव |
अनयाम |
लोट्-लकारः (अनुज्ञा/आदेशः)
पुरुष |
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
नयतु |
नयताम् |
नयन्तु |
मध्यमपुरुषः |
नयः |
नयतम् |
नयत् |
उत्तमपुरुषः |
नयानि |
नयाव |
नयाम |
चिन्त्
(सोचना)
लट्लकारः (वर्तमानकालः)
पुरुष |
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
चिन्तयति |
चिन्तयतः |
चिन्तयन्ति |
मध्यमपुरुषः |
चिन्तयसि |
चिन्तयथः |
चिन्तयथ |
उत्तमपुरुषः |
चिन्तयामि |
चिन्तयावः |
चिन्तयामः |
लृट्लकारः (भविष्यत्कालः)
पुरुष |
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
चिन्तयतिष्यति |
चिन्तयिष्यतः |
चिन्तयिष्यन्ति |
मध्यमपुरुषः |
चिन्तयिष्यसि |
चिन्तयिष्यथः |
चिन्तयष्यिाथ |
उत्तमपुरुषः |
चिन्तयिष्यामि |
चिन्तयिष्यवाः |
चिन्तष्यिामः |
लड्.लकारः (अतीतःकालः)
पुरुष |
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
अचिन्तयत् |
अचिन्तयताम् |
अचिन्तयन् |
मध्यमपुरुषः |
अचिन्तयः |
अचिन्तयतम् |
अचिन्तयत |
उत्तमपुरुषः |
अचिन्तयम् |
अचिन्तयाव |
अचिन्तयाम |
लोट्लकारः (अनुज्ञा/आदेश)
पुरुष |
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
चिन्तयतु |
चिन्तयताम् |
चिन्तयन्तु |
मध्यमपुरुषः |
चिन्तय |
चिन्तयतम् |
चिन्तयत |
उत्तमपुरुषः |
चिन्तयानि |
चिन्तयाव |
चिन्तयाम |
उपयुक्ताानुसारमेव हस्,
चल्, खेल्,
खाद्, पा, दृष्, धाव्, पत्, भ्रम्, लिख्,
इष्, मिल् - प्रभृतिनां धातूनां रूपाणि भवन्ति।
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