Class-6 (रुचिरा) त्रयोदशः पाठः - लोकमड्.गलम् /NCERT book/CBSE Syllabus
त्रयोदशः पाठः
लोकमड्.गलम्
शब्दार्थाः
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असतो |
असत्/बुराई से |
from evil/non-existent |
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सद् |
सत्/अच्छाई |
Virtuous/good/existent |
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तमसो |
अंधकार से/ अज्ञान से |
From darkness/ignorance |
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गमय |
ले चलो |
take to |
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मृत्योः |
मृत्यु से |
from death |
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अमृतम् |
अमरत्व को |
towards immortality |
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द्यौः |
अंतरिक्ष, द्युलोक |
heaven/sky |
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बिभीतः |
डराते हैं |
frighten |
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रिष्यतः |
दुःख देते हैं |
Pinch/give pain |
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बिभेः |
डरो |
be afraid |
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एवा |
ऐसे ही |
in the same way |
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अश्नामि |
खाता हूँ |
consume |
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अधिगम्यते |
प्राप्त होता है |
is acquired |
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अस्तु |
हो |
let it be |
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शिवम् |
कल्याणकारी |
good/beneficial |
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दृष्यते |
दिखता है |
is seen |
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दिवा |
दिन |
day |
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दुर्गाणि |
कठिनाईयों को |
difficulties |
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तरतु |
पार करे |
may get away |
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भद्राणि |
कल्याणकारी |
beneficial |
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पष्यतु |
देखें |
may see |
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कामान् |
कामनाओं को |
desirable objects |
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अवाप्नोतु (अव+ आप्नोतु) |
प्राप्त करें |
may find |
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नन्दतु |
प्रसन्न रहें |
may be pleased |
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सर्वत्र |
सब जगह |
everywhere |
अभ्यासः
1- उच्चारणं कुरूत-
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ज्योतिर्गमय |
द्यौश्च |
अन्नमश्नामि |
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प्रातरधिगम्यते |
सर्वस्तरतु |
दुर्गाणि |
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वृहदारण्यकोपनिषद् |
कामानवाप्नोतु |
भद्राणि |
2- सर्वान् मन्त्रान् श्लोकं च सरस्वरं गायत।
3- अधोलिखितानां प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत-
क- दुर्गाणि कः तरतु?
उत्तर- दुर्गाणि
सर्वस्तरतु।
ख- सर्वत्र कः नन्दतु?
उत्तर- सर्वत्र सर्वः नन्दतु।
ग- कौ न बिभीतः?
उत्तर- द्यौ च पृथ्वी
च न बिभीतः।
घ- असतो मा कुत्र गमय?
उत्तर - असतो मा
सदगमय।
4- उदाहरणानुसारं पदानि रचयत-
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लोट्लकारः |
लट्लकारः |
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तरतु |
तरति |
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क्रीड़तु |
क्रीड़ति |
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पश्यतु |
पश्यति |
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हसतु |
हसति |
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नन्दतु |
नन्दति |
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आनयतु |
आनयति |
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नृत्यतु |
नृत्यति |
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नयतु |
नयति |
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अस्तु |
अस्ति |
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धावतु |
धावति |
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गच्छतु |
गच्छति |
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लिखतु |
लिखति |
5- विलोमपदानि योजयत-
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क |
ख |
|
प्रातः |
सर्वत्र |
|
दिवा |
स्वप्ने |
|
जागरणे |
सायम् |
|
एकत्र |
ज्योतिः |
|
मः |
रात्रिः |
.
|
क |
ख |
|
प्रातः |
सायम् |
|
दिवा |
रात्रिः |
|
जागरणे |
स्वप्ने |
|
एकत्र |
सर्वत्र |
|
मः |
ज्योतिः |
|
न, च,
यथा,एव, मा |
क- यथा देषः
तथा वेषः।
ख- माता पिता च
शिशून् पालयतः।
ग- श्रम एव
जयते।
घ- महात्मा गाँधी
सत्यं न अत्यजत्।
ड- गर्वं मा
कुरू।
I
would like to thank Mrs. Manju Gautam for contributing all the chapters of
Ruchira part-1 on this blog

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