Class-6 Sanskrit (रुचिरा) चर्तुथः पाठः क्रीड़ास्पर्धा /NCERT book/ CBSE Syllabus
चर्तुथः पाठः
क्रीड़ास्पर्धा
सर्वनामप्रयोगः
हुमा - यूयं
कुत्र गच्छथ? तुम सब कहाँ जाते
हो?
इन्दरः.- वयं
विद्यालयम् गच्छामः। हम सब विद्यालय जाते हैं।
फेकनः - तत्र
क्रीड़ास्पर्धाः सन्ति। वहाँ खेल प्रतियोगिताएँ है।
वयं खेलिष्यामि। हम खेलेगें।
रामचरणः - किं
स्पर्धाः केवलं बालकेभ्यः एव सन्ति ? क्या
प्रतियोगिता केवल बालकों के लिए ही है?
प्रसन्ना – नहीं, बालिका अपि खेलिष्यंति। नहीं,
बालिकाएँ भी खेलेंगी।
रामचरणः - किं यूयं
सर्वे एकस्मिन् दले स्थ? अथवा
पृथक्-पृथक् दले? क्या तुम सब एक दल (पाली)
ही में हो? अथवा अलग-अलग दल में?
प्रसन्ना - तत्र बालिकाः
बालकाः च मिलित्वा खेलिष्यंति। वहाँ बालिका और बालक मिलकर खेलेंगे।
फेकेनः. आम्,
बैडमिंटन, क्रीड़ायां
मम सहभागिनी जूली अस्ति। हाँ,
बैडमिंटन खेल में मेरी सहभागी जूली है।
प्रसन्ना- एतद्
अतिरिक्त कबड्डी, नियुद्धं, क्रिकेटं,
पादुकन्दुकं, हस्तकन्दुकं, चतुरंग: इत्यादयः स्पर्धाः भविष्यंति। इनके अतिरिक्त
कबड्डी, क्रिकेट, फुटबाल इत्यादि प्रतियोगिताएँ
होंगी।
इन्दरः. हुमे! किम्
त्वं न क्रीडसि? तव भगिनी तु मम पक्षे
क्रीड़ति। हुमा,
क्या तुम नहीं खेलती ? तुम्हारी बहिन मेरे पक्ष में खेलती
है।
हुमा- नहिं, मह्यं चलचित्रं रोचते। परम अत्र अहं
दर्शकरूपेण स्थास्यामि। नहीं, मुझे सिनेमा अच्छा लगता है। पंरतु यहाँ
मैं दर्शक हूँ।
फेकेनः - अहो! पूरनः कुत्र अस्ति? किं सः कस्यामपि स्पर्धायां प्रतिभागी नास्ति? अरे! पूरन कहाँ
है? क्या वह किसी भी स्पर्धा में प्रतिभागी नहीं है।
रामचरणः - सः द्रष्टुं
न शक्नोति। तस्मैं अस्माकं विद्यालये पठनाय तु विशेषव्यवस्था वर्तते। परं क्रीडायै
प्रबन्धः नास्ति। वह देख नहीं सकता। उसके पढ़ने के लिए हमारे विद्याल में विशेष व्यवस्था
है।परन्तु खेलने का प्रबन्ध नहीं है।
हुमा - अयं कथमपि न
न्यायसंगतः। पूरनः सक्षमः परं प्रबन्धस्य अभावात् क्रीड़ितुं न शक्नोति। यह किसी भी तरह
से उचित नहीं है।
इन्दरः - अस्माकं
तादृशानि अनेकानि मित्राणि सन्ति। वस्तुतः तानि अन्यथासमर्थानि। हमारे उनके समान
अनेक मित्र है। वस्तुतः वे अन्य तरीके से समर्थ हैं।
फेकेनः - अतः वयं
सर्वे प्राचार्यः मिलामः। तं कथयामः। शीघ्रमेव तेषां कृते व्यवस्था भविष्यति। अतः हम सब
प्राचार्य से मिलते हैं। उनसे कहते हैं। शीघ्र ही उनके लिए व्यवस्था होगी।
शब्दार्थाः
स्पर्धाः |
प्रतियोगिताएँ |
competitions |
यूयम |
तुम सब |
you all |
वयम् |
हम सब |
we all |
खेलिष्यामः |
खेलेगे |
shall play |
मिलित्वा |
मिलकर |
together |
नियुद्धम् |
जुड़ो |
judo |
पान्दकन्दुकम् |
फुटबाल |
football |
हस्तकन्दुकम् |
वॉलीबाल |
volleyball |
चतुरडगः |
शतरंज |
chess |
चलचित्रम् |
सिनेमा |
cinema |
स्थास्यामि |
रहूँगी/ रहूँगा |
shall stay |
द्रष्टुम् |
देखनें के लिए |
to see |
न्यायसंगतः |
उचित |
law full |
तादृशानि |
वैसे |
similar |
अन्यथासमर्थानि |
भिन्न तरीके से
योग्य |
differently able
|
अन्यथासमर्थः- यह शब्द
वस्तुतः अंग्रेजी के differently able का बोधक है जो प्रायशः विकलांग के लिये प्रयोग में लाया जा रहा है।
अभ्यासः
1. उच्चारणं कुरूत-
अहम् |
आवाम् |
वयम् |
माम् |
आवाम्
|
अस्मान् |
मम |
आवयोः
|
अस्माकम् |
त्वम् |
युवाम |
यूयम् |
त्वाम |
युवाम्
|
युष्मान् |
तव |
युवयोः
|
युष्माकम् |
2.निर्देशानुसारं परिवर्तनं कुरूत-
यथा- अहं क्रीडामि। - (बहुवचने) - वयं क्रीडामः।
क. अहं नृत्यामि- (बहुवचने)
- वयं नृत्यामः।
ख. त्वं पठसि- (बहुवचने ) - यूयं
पठथ।
ग. युवां गच्छथः। - (एकवचने) - त्वं
गच्छसि।
घ. अस्माकं पुस्तकानि। - (एकवचने ) - मम्
पुस्तकं।
ड. तव गृहम्। - (द्विवचने ) - युवयोः गृहम्/ गृहे।
3- कोष्ठकात् उचितं शब्दं चित्वा रिक्तस्थानानि
पूरयत-
क- अहम् पठामि।
(वयम्/ अहम्)
ख- युवाम्
गच्छथः। (युवाम्/यूयम्)
ग- एतत् मम
पुस्तकम्। (माम्/मम)
घ- युष्माकम्
क्रीड़नकानि। (युष्मान्/ युष्माकम्)
ड- आवाम्
छात्रे स्वः। (वयम्/ आवाम्)
4. अधोलिखितानि पदानि आधृत्य सार्थकानि वाक्यानि रचयत-
यूयम |
लेखं |
पश्यामि |
वयम् |
शिक्षिकां |
रचयामः |
युवाम् |
दूरदर्शनं |
कथयिष्यथः |
अहम् |
कथां |
पठिष्यावः |
त्वम् |
पुस्तकं |
लेखिष्यसि |
आवाम् |
चित्राणि |
नंस्यथ |
यूयम् शिक्षिकं नंस्यथ।
वयम् चित्राणि रचयामः।
युवाम् कथां कथयिष्यथः।
अहं दूरदर्शनं पश्यामि
।
त्वम् लेखं लेखिष्यसि
।
आवाम् पुस्तकं
पठिष्यावः।
5. उचितपदैः वाक्यनिर्माणं
कुरूत -
(मम, तव, आवयोः, युवयोः,
अस्माकम्, युष्माकम् )
यथा - एषा मम
पुस्तिका।
(क) एतत् मम गृहम्।
(ख) आवयोः मैत्री
दृढ़ा।
(ग) एषः तव विद्यालयः।
(घ) एषा युवयोः
अध्यापिका।
(ङ) भारतम् अस्माकम्
देशः।
(च) एतानि युष्माकम् पुस्तकानि।
6. वाक्यानि रचयत-
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
(क)
त्वं लेखं
लेखिष्यसि। |
यूवां लेखे
लेखिष्यथः। |
यूयं लेखं
लेखिष्यथः। |
(ख) अहं वस्त्रं धारयिष्यामि |
आवाम् वस्त्रे
धारयिष्यावः। |
वयं वस्त्राणि
धारयिष्यामः। |
(ग)
अहं पुस्तकं
पठिष्यामि। |
आवां पुस्तके
पठिष्यावः। |
वयं पुस्तके पठिष्यामः। |
(घ)
सा फलं खादिष्याति। |
ते फले खादिष्यतः । |
ताः फलानि
खादिष्यन्ति। |
(ङ)
मम गृहं सुन्दरम्। |
आवयोः गृहे सुन्दरे।
|
अस्माकं गृहाणी सुंदराणि। |
(च)
त्वं गमिष्यासि। |
युवाम् गमिष्यथः। |
यूयं गमिष्यथ। |
7. एकवचनपदस्य बहुवचनपदं, बहुवचनपदस्य एकवचनपदं च
लिखत.
यथा- एषः -> एते
सः |
ते |
ताः |
सा |
त्वम् |
यूयं |
एता |
एतत् |
तव |
युवयोः |
अस्माकम् |
मम |
तानि |
तत् |
I would like to thank Mrs. Manju Gautam for
contributing all the chapters of Ruchira part-1 on this blog
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