Class-4 Hindi (Rimjhim) पाठ - 7 दान का हिसाब NCERT / CBSE Syllabus
पाठ - 7
दान का हिसाब
कहानी
से
उत्तर - राजा
को दान देना धन का दुरुपयोग लगता था इसीलिए वह अपने कपड़ों पर हजारों रुपए खर्च कर
देता था परंतु दान देते वक्त उसकी मुट्ठी बंद हो जाती थी।
(ख) राज दरबार के लोग मन ही मन राजा को बुरा कहते थे लेकिन वे राजा का विरोध क्यों नहीं कर पाते थे?
उत्तर - राजा के सामर्थ्यवान होने के कारण राज दरबार के लोग मन ही मन राजा को बुरा कहते थे लेकिन दंड के भय से वे उसका विरोध नहीं कर पाते थे।
(ग) राजसभा में सज्जन और विद्वान लोग क्यों नहीं जाते थे?
उत्तर -
राज्यसभा में सज्जन और विद्वान लोगों का बिल्कुल सत्कार नहीं होता था, अतः वे वहाँ नहीं जाते
थे।
(घ) सन्यासी ने सीधे-सीधे शब्दों में भिक्षा क्यों नहीं माँग ली।
उत्तर -
सन्यासी को पता था कि सीधे-सीधे शब्दों में भिक्षा माँगने पर राजा इतनी बड़ी रकम
नहीं देगा, अतः उसने चतुराई से राजा से भिक्षा माँगी।
(ड़) राजा को सन्यासी के आगे गिड़गिड़ाने की ज़रूरत क्यों पड़ी?
उत्तर - राजा
सन्यासी को भिक्षा देने के लिए वचनबद्ध था परंतु ऐसा करते-करते राजकोष खाली हो
जाता, अतः राजा को सन्यासी के आगे गिड़गिड़ाने की ज़रूरत पड़ी।
अंदाज़
अपना अपना
तुम नीचे दिए गए
वाक्यों को किस तरह से कहोगे ?
(क) दान के वक्त उनकी मुट्ठी बंद हो जाती थी।
दान देने में तो
मानो राजा की जान ही निकल जाती थी।
(ख) हिसाब देखकर मंत्री का चेहरा फीका पड़ गया।
हिसाब देखते ही
मंत्री के दोनों हाथों से तोते उड़ गए।
(ग) सन्यासी की बात सुनकर सभी की जान में जान
आई।
सन्यासी की बात सुनकर सभी ने राहत की साँस ली।
(घ) लाखों रुपए राजकोष में मौजूद हैं।
जैसे धन का सागर हो।
राजकोष में अथाह
धन मौजूद है।
साथी
हाथ बढ़ाना
- राहत सामग्री
जैसे दवाइयाँ, भोजन, वस्त्र
आदि इकट्ठे करके राहत कार्य में जुटी हुई संस्थाओं को देंगे।
- धन इकट्ठा
करके राहत-कोष में जमा करेंगे।
ज़िम्मेदारी
अपनी-अपनी
(क) मंत्री
(ख) भंडारी
मंत्री - राजा को राज
कार्यों में परामर्श देना।
भंडारी - राजकोष की देखभाल
करना।
कर्ण
जैसा दानी
पता करो कि-
(क) कर्ण कौन थे?
उत्तर- कर्ण
कुंती-सूर्य के पुत्र तथा महाभारत के एक महत्वपूर्ण योद्धा थे।
(ख) कर्ण जैसे दानी का क्या मतलब है?
उत्तर- कर्ण एक
दानवीर थे। कर्ण जैसे दानी का अर्थ है - अपना सर्वस्व दान कर देने की क्षमता रखने
वाला व्यक्ति।
(ग) दान क्या होता है?
उत्तर - दान का
अर्थ होता है - देना। किसी को वस्तु या धन प्रदान करना दान कहलाता है।
(घ) किन-किन कारणों से लोग दान करते हैं?
उत्तर - लोग
परोपकार की दृष्टि से या पुण्य कमाने के लिए दान करते हैं।
कहानी
और तुम
उत्तर- राजा
राजकोष के धन का उपयोग निम्नलिखित कामों में करता था-
1) सुगंधित वस्तुओं पर।
2) मनोरंजन के लिए।
3) महल की सजावट पर।
4) पहरेदारों की खुराक पर।
- तुम्हारे
घर में जो पैसा आता है, वह कहाँ-कहाँ खर्च होता है? पता करके लिखो।
उत्तर - मेरे
घर में जो पैसा आता है, वह घर के राशन, स्कूल की फीस और अन्य बिलों के
भुगतान में खर्च होता है।
(ख) अकाल के समय लोग राजा से कौन-कौन से काम करवाना चाहते थे?
उत्तर- अकाल के
समय लोग राजा से दस हजार रुपए की मदद चाहते थे ताकि वे अपना पेट भर सकें।
- तुम अपने
स्कूल के इलाके में क्या-क्या काम करवाना चाहते हो?
उत्तर- मैं
अपने स्कूल के पुस्तकालय में फर्नीचर लगवाना चाहता / चाहती हूँ।
कैसा
राजा!
तुम्हारे विचार से राजा से ही था या गलत। अपने उत्तर का कारण भी बताओ।
उत्तर - प्रजा
की भलाई के लिए दान करना राजा का कर्तव्य है, मेरे विचार से राजा गलत था।
(ख) राजा दान देने के अलावा और किन-किन तरीकों से लोगों की सहायता कर सकता
था?
उत्तर- राजा दान देने के
अलावा भोजन बाँटकर या हुए तालाब आदि खुदवाकर लोगों की सहायता कर सकता था।
पूर्व
और पूर्व
(क) 'पूर्व' शब्द के दो
अर्थ हैं -
पूर्व - एक दिशा
पूर्व - पहले
नीचे
ऐसे ही कुछ और शब्द दिए गए हैं जिनके दो - दो अर्थ हैं। इनका
प्रयोग करते हुए दो दो वाक्य बनाओ।
जल - पानी
मटके का जल ठंडा
है।
जल - जलना
गर्म चाय गिरने
से बच्चे का हाथ जल गया।
मन - अंतः करण
मन की चंचलता को
दूर करना कठिन है।
मन - वज़न मापने की इकाई
सेठजी ने दो मन
ज्वार दान की।
मगर - एक जलीय
जीव
इस तालब में
अनेक मगर हैं।
मगर - किंतु
वह बहुत तेज़
दौड़ा मगर जीत नहीं पाया।
नीचे चार दिशाओं के नाम लिखे हैं।
तुम्हारे घर और स्कूल के आसपास इन दिशाओं में क्या-क्या है?
तालिका भरो-
दिशा |
घर के पास |
स्कूल के पास |
पूर्व |
|
|
पश्चिम |
|
|
उत्तर |
|
|
दक्षिण |
|
|
तालिका को विद्यार्थी अपने घर और स्कूल के आधार पर भरें।
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