Class- 4 Hindi, हम सबका है घर यह प्यारा

हम सबका है घर यह प्यारा

 

कठिन शब्द एवं उनका वाक्यों में प्रयोग।

 

सदा -  हमेशा  (Always)

सदा सत्य बोलो|

 

सिर्फ़- केवल (only)

मुझे केवल फुटबॉल खेलना पसंद है।

 

टहलना -  धीरे धीरे चलना (slow-walk)

 मेरे दादाजी रोज शाम को टहलने जाते हैं।

 

गश्त लगाना -  चक्कर काटना (patrolling)

चौकीदार रात को गश्त लगाता है।

 

बेपरवाह - बेफ़िक्र /  लापरवाह (nonchalant)

बचपन अक्सर बेपरवाह होता है।

 

निम्‍न कविता को पढ़कर नीचे पूछे गए प्रश्‍नों के उत्‍तर लिखिए।

 हम सबका है घर यह प्यारा

माँ सदा समझाती हो तुम

घर यह सिर्फ़ हमारा अपना,

कैसे मानूँ मैं तेरी बातें?

घर यह है कितनों का अपना।

 

हम जैसे, यहाँ चूहे भी तो

खेलते हैं सदा पकड़म-पकड़ी,

मच्छर देखो बेपरवाह टहलते

आराम फरमाती कोने में मकड़ी।

 

और छिपकली भी तो तनकर

देखो गश्त लगाती कैसे,

इधर चींटियाँ कतार में देखो

निकल पड़ी है सैनिक जैसे।

 

आँगन में झगड़ते पंछी ये देखो

किसी बात पर झपट रहे हैं,

बिल्कुल हम बच्चों के जैसे

आपस में ही झगड़ रहे हैं|

 

और भी तो हैं कीड़े-मकौड़े

जो दिन-रात यहीं हैं रहते,

राजा बन बैठे हैं यह सब

घर को अपना राज समझते।

 

इसीलिए मैं कैसे समझूँ

घर यह सिर्फ़ हमारा अपना

जो भी इस घर में रहते हैं

उन सबका ही है घर प्यारा।

 

प्रश्‍न- माँ सदा क्या कहती है?

उत्‍तर- माँ सदा कहती है कि यह भर सिर्फ़ अपना है।

 

प्रश्‍न- पकड़म-पकड़ी कौन खेल रहे थे?

उत्‍तर- पकड़म-पकड़ी चूहे खेल रहे थे।

 

प्रश्‍न- छिपकली क्या कर रही है?

उत्‍तर-छिपकली गश्त लगा रही है।

 

प्रश्‍न- छिपकली गश्त क्यों लगा रही होगी?

उत्‍तर-छिपकली कीड़ों की तलाश में गश्त लगा रही होगी।

 

प्रश्‍न- पंक्ति के लिए कौन-सा शब्द प्रयोग में लाया गया है?

उत्‍तर- पंक्ति के लिए कतारशब्द प्रयोग में लाया गया है

 

प्रश्‍न- एक कतार बनाकर घर में कौन दौड़ रही  थीं?

उत्‍तर- एक कतार बनाकर घर में चीटियाँ दौड़ रही थीं।

 

प्रश्‍न- आँगन में कौन झपट रहा है?

उत्‍तर- आँगन में पंछी झपट रहे हैं।

 

प्रश्‍न- पंछी किसकी तरह झगड़ रहे थे?

उत्‍तर-  पंछी बच्चों की तरह झगड़ रहे थे।

 

प्रश्‍न- इस कविता से आपको क्या सीख मिलती है?

उत्‍तर- इस कविता से हमें घर में रहने वाले विभिन्न जीवों से सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार करने की प्रेरणा मिलती है।

 

कतार का मतलब है- लाइन, पंक्ति। कतार में खड़े होना  या चलना क्यों ज़रूरी हैआपने किन-किन जगहों पर लोगों को एक कतार में देखा है? लिखिए।

हमने इन जगहों पर लोगों को कतार में देखा है-

1)  विद्यालय में

2)  टिकट काउंटर पर

3)  सुरक्षा जाँच के लिए

4)  बैंक में

5)  पोस्ट ऑफिस में

 

कतार में खड़े होने या चलने से अनुशासन तथा व्यवस्था बनी रहती है।

 

कविता में प्रयुक्त हुए तुक वाले शब्द छाँटकर लिखिए।

पकड़ी – मकड़ी

कैसे – जैसे

रहते – समझते

 

कविता के आधार पर पहचानिए -

    1)  यह घर सिर्फ़ अपना है यह समझने वाली - माँ

    2)  पकड़म-पकड़ी खेलने वाले - चूहे

    3)  बेपरवाह टहलने वाले - मच्छर

    4)  कोने में आराम फ़रमाने वाली - मकड़ी

    5)  गश्‍त लगाने वाली - छिपकली

    6)  कतार में जाने वाली - चींटियाँ

    7)  आँगन में झगड़ने वाले - पंछी

    8)  बच्चों की तरह आपस में झगड़ने वाले - पंछी

    9)  राजा बनकर बैठने वाले - कीड़े- मकौड़े

 

सही उत्‍तर पर () का निशान लगाइए ।

 

हमारे जीवन का सबसे प्यारा स्थान कौन सा है?

      1)  हमारा घर ()

      2)  हमारा शहर 

 

गश्त लगाना का अर्थ है - 

      1)  धीरे-धीरे चलना

      2)  चक्कर काटना ()

 

बेपरवाह शब्द का अर्थ है - 

     1)  लापरवाह ()

     2)  केवल 

 

पकड़म- पकड़ी कौन खेल रहा है

     1)  चूहे ()

     2)  मकड़ी

 

छिपकली कैसे गश्त लगाती है?

     1)  झुककर

     2)  तनकर ()

 

कोने में आराम कौन फ़रमाती है?

     1)  मकड़ी ()

     2)  बिल्ली

 

घर किसका होता है?

     1)  केवल परिवार के सदस्यों का

     2)  जो घर में रहते हैं उन सबका ()

 

चीटियों को किसके जैसा कहा गया है?

     1)  सैनिक ()

     2)  काले मोती

 

कतार में कौन जाती हैं?

     1)  चीटियाँ ()

     2)  मक्खियाँ

 

बेपरवाह टहलने वाले कौन हैं

      1)  मच्छर ()

      2)  चूहे

 

आँगन में झगड़ते हुए पंछियों की तुलना किससे की गई है?

      1)  बच्चों से  ()

      2)  सैनिकों से

 

घर को अपना राज कौन समझते हैं?

      1)  घर के सदस्य ()

      2)  कीड़े - मकोड़े

 

 नीचे दी गई कविता को पढ़कर पूछे गए प्रश्‍नों के उत्तर लिखिए।

 

घर और संसार

 

सबसे पहले मेरे घर का

अंडे जैसा था आकार।

तब मैं यही समझती थी बस

इतना-सा ही है संसार॥

 

फिर मेरा घर बना घोंसला

सूखे तिनकों से तैयार।

तब मैं यही समझती थी बस

इतना-सा ही है संसार॥

 

फिर मैं निकल गई शाखों पर,

जो थीं हरी-भरी सुकुमार।

तब मैं यही समझती थी बस

इतना-सा ही है संसार॥

 

आखिर जब मैं आसमान में

उड़ी दूर तक पंख पसार।

तभी समझ में मेरी आया,

बहुत बड़ा है यह संसार॥

 

श्री निरंकार देव सेवक

 

प्रश्‍न- यह कविता किसके बारे में है?

उत्‍तर- यह कविता चिड़िया के घर और संसार के बारे में है।

 

प्रश्‍न-  चिड़िया किस-किसको संसार समझती थी?

उत्‍तर-  चिड़िया पहले अपने अंडे को, फिर घोंसले, शाखाओं और आसमान को संसार समझती थी।

 

प्रश्‍न-  चिड़िया का घोंसला किससे बना था?

उत्‍तर- चिड़िया का घोंसला सूखे तिनको से बना था।

 

प्रश्‍न-  पेड़ की शाखाएँ कैसी थी?

उत्‍तर-  पेड़ की शाखाएं हरी-भरी और सुकुमार थीं। 

 

प्रश्‍न-   यह संसार बहुत बड़ा है, यह चिड़िया को कब पता चला?

उत्‍तर-  यह संसार बहुत बड़ा है, यह चिड़िया को आसमान में पंख फैला कर उड़ने पर पता चला।

 

 

नीचे दी गई कविता पूरी कीजिए।

 

 कितना प्यारा घर है मेरा

‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌_________घर है मेरा

________________

________________

 

कितना प्यारा घर है मेरा

मुझको भाता घर है मेरा

सब में है कितना प्यार

मुझको मिलता सबसे दुलार

 

सही उत्‍तर पर () का निशान लगाइए ।

 

सबसे पहले चिड़िया के घर का आकार कैसा था?

1)  अंडे जैसा () 

2)  डिब्बे जैसा

 

कविता में पेड़ों की शाखाएँ कैसी बताई गई हैं?

1)  हरी-भरी ()

2)  लंबी- लंबी

 

चिड़िया दूर तक क्या पसार कर उड़ी?

1)  पैर

2)  पंख ()

 

चिड़िया को यह कब समझ आया कि संसार बहुत बड़ा है?

1)  जब वह शाखाओं पर निकली

2)  जब वह आसमान में उड़ी ()

 

 नीचे दी गई कविता को पढ़कर पूछे गए प्रश्‍नों के उत्तर लिखिए।

 

आओ तुमको दिखलाता हूँ,

 

एक जगह मैं ऐसी|

नहीं दूसरी दुनिया में,

कोई भी उसके जैसी।

यह हैं मेरे मम्मी-पापा

यह है मेरा भैया।

नाच रही वो छोटी बहना,

करके ता-ता थैया।

यह सारी दुनिया अच्छी है,

अच्छे हैं सब गाँव-शहर।

लेकिन सबसे प्यारा लगता,

सबको अपना-अपना घर।

 

प्रश्‍न- ऐसी कौन सी जगह है जिसकी जैसी दुनिया में कोई जगह नहीं है?

उत्‍तर-  मेरे घर जैसी दुनिया में कोई जगह नहीं है।

 

प्रश्‍न- कवि के परिवार में और कौन-कौन है?

उत्‍तर- कवि के परिवार में उसके मम्मी-पापा, भैया और छोटी बहना हैं। 

 

कविता को पढ़कर रिक्त स्थान भरिए।

 यह सारी _________ अच्छी है,

 अच्छे हैं सब गाँव-शहर।

 लेकिन सबसे __________लगता,

 सबको अपना-अपना ________

 

 यह सारी दुनिया अच्छी है,

 अच्छे हैं सब गाँव-शहर।

 लेकिन सबसे प्यारा लगता,

 सबको अपना-अपना घर।

 

 

 

 


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