Class-3 Hindi (Rimjhim) पाठ 13 मिर्च का मज़ा / NCERT Book / CBSE Syllabus


पाठ 13
मिर्च का मज़ा

कैसे समझाओगे?

काबुली वाले को सब्ज़ी बेचने वाली की भाषा अच्छी तरह समझ नहीं आती थी।  इसलिए उसे अपनी बात समझाने में बड़ी मुश्किल हुई।  चलो,  देखते हैं तुम अपनी बात बिना बोले कैसे अपने साथी को समझाते हो? नीचे लिखे वाक्य अलग-अलग पर्चियों में लिखो।  एक पर्ची उठाओ।  अब यह बात तुम्हें अपने साथी को बिना कुछ बोले समझानी है।

    ·       मुझे बहुत सर्दी लग रही है।
    ·       बिल्ली दूध पी रही हैउसे भगाओ।
    ·       मेरे दाँत में दर्द है।
    ·       चलोबाज़ार चलते हैं।
    ·       अरे, ये तो बहुत कड़वा है।
    ·       चोर उधर गया हैचलो उसे पकड़ें।
    ·       पार्क में चलकर खेलेंगे।
    ·       मुझे डर लग रहा है।
    ·       उफ़!  यह बदबू कहाँ से आ रही है?
    ·       अहा!  लगता है कहीं हलवा बन रहा है।

सही सवाल

काबुलीवाले ने कहा-  अगर यह लाल चीज़ खाने की हैतो मुझे भी दे दो।
सब्ज़ी  बेचने वाली ने कहा- हाँयह तो सब खाते हैं। ले लो।

 इस तरह बेचारा काबुलीवाला मिर्च खा बैठा।  तुम्हारे हिसाब से काबुली वाले को मिर्च देखने के बाद क्या पूछना चाहिए था?

काबुली वाले को मिर्च देखने के बाद यह पूछना चाहिए था कि उसका उपयोग कैसे करते हैं?

जल या जल?

मुँह  सारा जल उठा और आँखों में जल भर आया।
यहाँ  जल शब्द  को दो अर्थों में इस्तेमाल किया गया है।
 जल-  जलना
 जल-  पानी

इसी तरह नीचे दिए गए शब्दों के भी दो अर्थ हैं।
 इन शब्दों का इस्तेमाल करते हुए एक-एक वाक्य बनाओ पर ध्यान रहे-
वाक्य में वह शब्द दो बार आना चाहिए
दोनों बार उस शब्द का मतलब अलग निकलना चाहिए। ( जैसे ऊपर दिए गए वाक्य में जल)

1) हार
 वाक्य- विरोधी टीम हार गई और हमारी टीम ने जीत का हार पहना।

2) आना
 वाक्य- तुम कल आठ आना लेकर आना|

3)  उत्तर
 वाक्य- इस प्रश्न का उत्तर तुम्हें उत्तर में रहने वाले  साधु के पास मिलेगा।

4)  फल 
 वाक्य- फल नहीं खाने का फल अच्छा नहीं होता।

5)  मगर
 वाक्य- मगर पानी में रहता है मगर पहाड़ों पर नहीं ।

6) पर
 वाक्य-  चिड़िया का बच्चा पर होने पर भी उड़ नहीं पा रहा था। 

छाँटों

कविता कि वे पंक्तियाँ छाँट कर लिखो जिनसे पता चलता है कि 
कबुलिवाला कुछ शब्द अलग तरीके से बोलता था।

काबुलीवाला कंजूस था।

कहां काबुली ने -  मैं हूँ आदमी न ऐसा वैसा
 जा तू अपनी राह सिपाहीमैं खाता हूँ पैसा!

मिर्च बहुत तीखी थी।

 आँख पोंछते, दाँत पीसतेरोते और रिसियाते,
 वह खाता ही रहा मिर्च की छीमी को सिसियाते।  

काबुलीवाले को मिर्च के बारे में नहीं पता था।

लाल -लाल, पतली छीमी हो चीज़अगर खाने की,
 तो हमको दो तोल छीमीयाँ  फ़कत चार आने की।

काबुलीवाले को 25 पैसे की मिर्च चाहिए थी।

एक चवन्‍नी फ़ेंक और झोली अपनी फैलाकर,
कुँजड़िन से बोला बेचारा ज्यों -त्यों कुछ समझाकर

चार आना

चवन्नी मतलब 4 आना।
चार आना मतलब 25 पैसे। 
तो एक रुपए में कितने पैसे?
100 (सौ)

अब बताओ-
अठन्नी मतलब पचास आने।
इकन्‍नी अन्य मतलब एक आना।
दुअन्‍नी मतलब दो आने।

तुम कैसे पूछोगे?

तुम बाज़ार गए। दुकानों में बहुत-सी चीज़ें रखी हैं। तुम्हें दूर से ही अपनी मनपसंद चीज़ का दाम पता करना है, पर तुम्हें उस चीज़ का नाम नहीं पता।  अब दुकानदार से दाम कैसे पूछोगे?

बातचीत के लिए

काबुलीवाले ने मिर्च को स्वादिष्ट फल क्यों समझ लिया?
मिर्च के लाल रंग के कारण काबुलीवाले ने उसे स्वादिष्ट फल समझ लिया।

सब्जी बेचने वाली ने क्या सोचकर उसे झोली भर मिर्ची दी होगी?
सब्ज़ी वाली ने सोचा होगा कि काबुलीवाला मिर्च को मसाले की तरह उपयोग करेगा।

सारी मिर्चें खाने के बाद काबुलीवाले की क्या हालत हुई होगी?
सारी मिर्चें खाने के बाद काबुलीवाले की तबियत खराब हुई होगी।

अगले दिन सब्जी वाली टमाटर बेच रही थी। क्या काबुलीवाले ने टमाटर खाया होगा?
 नहींकाबुलीवाले ने डर के कारण टमाटर नहीं खाया होगा।

आगे-पीछे

कुंजड़िन से बोला बेचारा ज्यों-त्यों कुछ समझाकर

इस पंक्ति को ऐसे भी लिख सकते हैं-

बेचारा ज्यों-त्यों कुछ समझाकर कुंजड़िन से बोला।

अब इसी तरह की इन पंक्तियों को फिर से लिखो-

    1.   हमको दो तोल छीमियाँ फ़कत चार आने की।
    हमको फ़कत चार आने की छीमियाँ तोल दो।

    2.   वह खाता ही रहा मिर्च की छीमी को सिसियाते।
    वह मिर्च की छीमी को खाता ही रहा सिसियाते।

    3.   जा तू अपनी राह सिपाही, मैं खाता हूँ पैसा।
    मैं पैसा खाता हूँ, सिपाही तू अपनी राह जा।

    4.   एक काबुलीवाले की कहते लोग कहानी।
    लोग एक काबुलीवाले की कहते कहानी।

कविता करो 

अपने मन से बनाकर एक कविता यहाँ लिखो।

एक दिन मैंने देखा एक बूढ़ी माँ को।
वह सड़क किनारे बैठ बेच रही थी,
मिट्टी के खिलौने छोटे-छोटे,
मैंने पूछा कितने में दोगी वह घोड़ा।
वह बोली बस पाँच रुपए में,  
ले जाओ यह घोड़ा अनोखा।

मुँह में पानी

लाल-लाल मिर्च देखकर काबुलीवाले के मुँह में पानी आ गया। तुम्हारे मुँह में किन चीज़ों को देखकर या सोचकर पानी आ जाता है?

लड्डू, पूड़ी, केक, आलू पराँठा, हलवा, जलेबी



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