Class-2 Hindi (Rimjhim) पाठ 12 (2) बाघ का बच्चा
पाठ 12 (2)
बाघ का बच्चा
रास्ता पक्का हो या कच्चा,
चलता उस पर बाघ का बच्चा|
कभी उछलता कभी कूदता,
धूम मचाता बाघ का बच्चा|
बाल पूँछ के और मूँछ के,
लहराता है बाघ का बच्चा।
पंजे अपने कहीं अड़ाता,
सुस्ताता है बाघ का बच्चा।
माँ जब चलती वह चल पड़ता,
कभी कहीं वह गिरता पड़ता।
पानी में भी उछल तैर कर,
चलता जाता बाघ का बच्चा।
बड़ा बहादुर बाघ का बच्चा,
घबराता ना बाघ का बच्चा।
घूम-घूम कर दूर-दूर तक,
हो आता है बाघ का बच्चा।
पेट पीठ पर भूरी काली,
धारी -धारी बड़ी निराली।
चलता आता चलता आता,
गुर्राता है बाघ का बच्चा।
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