Clas-2 Hindi (Rimjhim) पाठ 11 टेसू राजा बीच बाजार
पाठ 11
टेसू राजा बीच बाजार
टेसू
राजा बीच बाजार,
खड़े
हुए ले रहे अनार|
इस
अनार में कितने दाने?
जितने हो
कंबल में खाने|
कितने
हैं कंबल में खाने?
भेड़
भला क्यों लगी बताने?
एक
झुंड में भेड़ें कितनी?
एक
पेड़ पर
पत्ती जितनी|
एक
पेड़ पर कितने पत्ते?
जितने
गोपी के घर लत्ते।
गोपी
के घर लत्ते कितने?
कलकत्ते में कुत्ते जितने।
बीस लाख तेईस हज़ार,
दाने वाला एक अनार।
टेसू राजा कहें पुकार,
लाओ मुझको दे दो चार।
गिनत - अनगिनत
कुछ
चीज़ें ऐसी होती हैं जिन्हें गिना जा सकता है और कुछ चीज़ों को नहीं।
जिन
चीज़ों को गिन सकते हो उनके आगे हाँ लिखो। जिन्हें नहीं गिन सकते
हो उनके आगे नहीं लिखो।
1. कंबल के खाने-
नहीं
2. सिर के बाल- नहीं
3. घर के लोग- हाँ
4. चींटी के पैर- हाँ
5. कमीज़ के बटन- हाँ
6. पेड़ के पत्ते- नहीं
7. आसमान के तारे- नहीं
8. कॉपी के पन्ने- हाँ
9. अपने कपड़े- हाँ
10.
स्कूल के बच्चे- हाँ
कवि बन जाओ तुम
नीचे दी गई कविता को ध्यान
से पढ़ो-
एक
पेड़ पर कितने पत्ते?
जितने गोपी के घर लत्ते।
गोपी के घर लत्ते कितने?
कलकत्ते में कुत्ते जितने।
|
अब
तुम कविता को आगे बढ़ा कर लिखने की कोशिश करो।
कलकत्ते में कुत्ते कितने?
आगरा में कौवे जितने।
आगरा में कौवे कितने?
आसमान में तारे जितने।
आसमान में तारे कितने?
तुम्हारे सिर में बाल जितने।
तुम्हारा अंदाज़ा
बीस
लाख तीईस हज़ार
दाने वाला एक अनार।
|
क्या
सचमुच अनार में कितने दाने होते हैं?
नहीं
अंदाज़े
से बताओ-
एक अनार में कितने दाने होते होंगे?
एक अनार में दो सौ दाने होते होंगे।
एक
मटर में कितने दाने होते होंगे?
एक
मटर में पाँच दाने होते होंगे।
एक भुट्टे में कितने दाने होते होंगे?
एक भुट्टे में सौ दाने होते होंगे।
एक
मूँगफली में कितने दाने होते होंगे?
एक
मूँगफली में तीन दाने होते होंगे।
मौका मिलने पर जरूर जाँच करना कि तुम्हारा अंदाज़ा कितना सही था।
हाट
- बाज़ार
(क) टेसू राजा बाज़ार अनार लेने गए थे।
- तुम बाजार
क्या-क्या लेने जाती हो?
- बाजार कैसे
जाती हो?
- उस बाजार
का क्या नाम है?
- अपने घर के
पास के कुछ और बाजारों के नाम पता करो।
(ख) बाजार अलग-अलग तरह के होते हैं।
जैसे- मंडी, हाट, सोम बाज़ार, मॉल,
पैंठ, किनारी बाज़ार आदि।
कक्षा
में बात करो कि इन सब बाज़ारों में क्या अंतर है। तुम्हारे घर के पास किस
तरह के बाज़ार हैं।
फेर-बदल
जितने
हों कंबल में खाने ।
इस
वाक्य को इस तरह भी लिख सकते हैं
कंबल में जितने खाने हों।
इसी तरह नीचे लिखे वाक्यों को बदलकर लिखो-
- कितने हैं
कंबल में खाने?
कंबल
में कितने खाने हैं।
- एक झुंड में
भेड़ें कितनी
एक झुंड
में कितनी भेड़ें।
- टेसू राजा कहे पुकार, लाओ मुझको दे दो
चार।
कहे पुकार टेसू राजा, मुझको
लाओ दे दो चार।
- फूलों से बनाओ होली के रंग
फूलों
से होली के रंग बनाओ।
किसके नाम
टेसू
राजा बीच बाजार,
खड़े हुए ले रहे अनार हो गया
|
अनार, आम, अमरूद, पपीता- ये
सब फलों के नाम हैं।
1. कोलकाता,
दिल्ली, भोपाल - शहर
2. कमीज,
कुरता, साड़ी- कपड़े ( वस्त्र)
3. मोर, कबूतर,
उल्लू - पक्षी
4. आलू, बेंगन,
भिंडी - सब्जी
बाज़ार
- बाजा
इन
शब्दों को बोलकर देखो। ज़ा और जा बोलने में अलग-अलग लगते हैं न! नीचे ऐसे कुछ शब्द दिए गए
हैं। उन्हें बोलो और खोजो कि अक्षर के नीचे बिंदु होने और न होने से आवाज में क्या
फ़र्क पड़ता है ।
दो
दो शब्द खुद जोड़ो
जाड़ा
- ज़मीन
गाजर
- ज़िद
फूल
- फ़तह
फल
- फ़र्क
टेसू
टेसूरा टेसूरा घंटार बजाइयो
नौ नगरी, दस गाँव बसइयो
बस गए तीतर, बस गए मोर
बूढ़ी डुकरिया मोटी भई
खाय डुकरिया मोटी भई
मोटी हैके पीहर गई
पीहर में मिले भाई भौजाई
सबने मिलकै दई बधाई
टेसू
एक प्रसिद्ध उत्सव और खेल है। यह दशहरे के दिनों में मनाया जाता है। इस त्यौहार
में लड़कों की टोली टेसू लेकर घर-घर जाति है और गाती है-
टेसू आए घर के द्वार
खोलो रानी चंदन किवार....
बाँस
की तीन खप्प्च्चियों को बीच से बाँधकर डमरू जैसे आकार में टेसू बनाया जाता
है।इस आकृति के एक छोर की खप्प्च्चियों पर टेसू का सिर तथा हाथ मिट्टी से बनाए
जाते हैं जबकि दूसरे छोर पर तीन पैर बनाए जाते हैं। मिट्टी
सूख जाने पर रंग से कान, नाक, आँख, मुँह तथा
हाथ-पैरों की उँगलियाँ बनाई जाती हैं।
हाथों पर या खप्प्च्चियों के जोड़ पर दिया जलाया जाता है।
टेसू बाज़ार में बना हुआ भी मिलता है।
लोगों
का टेसू के प्रति व्यवहार अलग अलग होता है। कुछ लोग अच्छी तरह
स्वागत करते हैं तो कुछ लोग दरवाज़ा ही नहीं खोलते, पर
टेसू की फ़ौज यानी लड़कों की टोली,
डर्टी रहती है।
टोली के सदस्य बारी बारी से गीत गाते हैं। फिर भी अगर कोई दरवाज़ा न खोले तो अगले दिन आने का वादा करके बढ़ जाते
हैं। टेसू की फ़ौज अधिक कुछ नहीं मांगती- बस थोड़ा सा अनाज, पैसे या दीपक में चलाने के लिए तेल।
यह त्यौहार पाँच दिन तक चलता है।
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