Grade-3 Hindi, Lesson-8
पाठ - ८
विषय : संवाद
- मेला
व्याकरण- क्रिया, योजक शब्द
विभाग - क
ध्यान पूर्वक पढ़िए|
राजेश - रजनी चलो खाना खाते हैं|
रजनी- राजेश खाने में तुम क्या लाए हो?
राजेश - पूरी और सब्जी
रजनी- पूरी और सब्जी मुझे बहुत पसंद है | मैं मैगी लाई हूँ |
राजेश- आओ मिलकर खाते हैं|
रजनी- वाह ! मजा आ गया|
बच्चों, इन संवादों को पढ़िए|
एक सियार और ऊँट में मित्रता थी... ……
सियार - मित्र नदी के उस पार तरबूज़
के खेत हैं| क्यों न हम दोनों वहाँ तरबूज़
खाने चलें|
ऊँट - पर हम चलेंगे कैसे?
सियार - तुम तो नदी में तैर सकते हो | मैं तुम्हारी पीठ पर बैठ जाऊँगा | खेत में पहुँचकर हम दोनों खूब मज़े से तरबूज़
खाएँगे |
ऊँट- खेत में पहुँचकर दोनों ने भरपेट तरबूज़ खाए| उसके बाद…..
सियार - मित्र मेरा तो पेट भर गया
|
ऊँट - पर मेरा पेट तो अभी नहीं भरा|
सियार - मित्र मुझे तो डकारने की इच्छा हो रही है- ‘हुआँ - हुआँ’ |
‘हुआँ – हुआँ’ की आवाज सुनकर खेत का मालिक डंडा लेकर आ गया|
फिर क्या था………
ऊँट - मित्र, जो होना था, वह तो हो ही गया। उसके लिए अब पछताने से क्या होगा
? चलो अब नदी को तो पार कर लें।
नदी के बीच पहुँचकर…………………..
सियार - मित्र मुझे तो अब लोटपोट करने की इच्छा हो रही है, अब मैं इसी पानी में लोटपोट करूँगा |
सियार - मित्र, मुझे क्षमा करो| मैं अपनी भूल के लिए शर्मिंदा हूँ |
ऊँट - जाओ, मैं तुम्हें क्षमा करता हूँ , लेकिन याद रखना की मित्र संकट में एक दूसरे की मदद करते हैं। वे धोखा नहीं देते।
निम्नलिखित
पाठ को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर संपूर्ण वाक्यों में लिखिए।
पुस्तक मेला
संध्या
का समय था । शंतनु और मोहिशा बगीचे में खेल रहे थे। तभी एक गाड़ी रुकी । शंतनु ने
देखा कि गाड़ी से नाना जी उतर रहे हैं। नानाजी ने गाड़ी से दो बड़े-बड़े थैले
निकाले और नीचे रखे। “नाना जी रुकिए, मैं आता हूँ।” कहकर शंतनु तेजी से बाहर की ओर भागा। पीछे-पीछे मोहिशा भी भागी।“ इतने बड़े-बड़े थैले! आप क्या लाए हैं?” कहती हुई
मोहिशा भी नाना जी तक
पहुंच गई| “ किताबे लाया हूं बेटा” नाना जी ने बताया। शंतनु और मोहिशा
थैलों के भीतर झाँकने लगे| “ इतनी सारी किताबें! यह कैसी
किताबें हैं नाना जी?” शंतनु ने पूछा। नाना जी ने
गाड़ी वाले को पैसे दिए और बोले, “पहले घर के अंदर चलो, फिर बताता हूँ।”
तीनों
अंदर आ गए। शंतनु और मोहिशा थैलों में से
किताबें निकालने लगे। इतनी सारी रंग-बिरंगी किताबें देखकर दोनों चकित थे। तभी नाना
जी बोले, “
मैं घर लौट रहा था तो मैंने देखा, प्रगति
मैदान में पुस्तक मेला लगा है। सोचा, तुम दोनों के लिए दो – चार पुस्तकें
खरीद लूँ। वहाँ गया तो बस एक के बाद एक कई पुस्तकें ली। कुछ तुम्हारे लिए और कुछ
अपने लिए। ”
अब
तक बच्चे सारी किताबें निकाल चुके थे। कभी इसके पन्ने पलटते, कभी उसके। उनके चारों तरफ किताबें
थी- कहानी, कविता, जीवनी और नाटक-
सभी तरह की किताबें। शंतनु जो किताब देखता, मोहिशा भी उस पर
टूट पड़ती। कहती “ भैया, मुझे भी दिखाओ।
” नाना जी बच्चों को
किताबों में डूबा देख कर बोले, “ तो अच्छी लगी तुम्हें
किताबें?”
“ हाँ नाना जी। नाना जी, हमें भी ले चलिए ना पुस्तक
मेला दिखाने। ” शंतनु ने किताबों के ढेर के पीछे से सिर
निकाल कर कहा। “ हाँ, हाँ , जरूर ले चलेंगे” नाना जी ने गरदन हिलाकर कहा|
“ मैं भी चलूँगी वहाँ, झूला झूलने, आइसक्रीम खाने,” मोहिशा बोली। नानाजी और शंतनु हँस पड़े|
अगले
दिन दोनों नानाजी के साथ पुस्तक मेले पहुँचे| वहाँ किताबों की सैकड़ों
दुकानें लगी थीं | किताबों की इतनी बड़ी दुनिया-
जहाँ किताबें ही किताबें। वहाँ विदेशी किताबें भी थीं। शंतनु
और मोहिशा किताबें उलट-पुलट कर देखते रहे। उन्होंने कुछ किताबें खरीदी भी। कहीं-कहीं
तो किताब लिखने वाले कुछ लेखक भी बैठे थे। कुछ लोग उनसे बातचीत कर रहे थे। शंतनु
हैरानी से उनकी बातें सुनता रहा। मोहिषा नाना जी का हाथ खींचते हुए बोली, “
नानाजी, मुझे झूला झूलना है। खिलौने भी खरीदने
हैं।” “ बेटी इस मेले में तो किताबें होती हैं , झूले और खिलौने नहीं। हाँ, हाँ बाहर आइसक्रीम वाला
खड़ा है, खाओगी?”
नाना
जी ने उसे समझाते हुए कहा। शाम को तीनों घर लौट आए। नानाजी ने पूछा, “ शंतनु
अच्छा लगा तुम्हें पुस्तक मेला?” “ जी नाना जी”
शंतनु मुस्कुराया। “ बेटा, ऐसे पुस्तक मेले अब विश्व के कई
बड़े-बड़े शहरों में लगते हैं। हमारे देश से भी लोग अपनी किताबें लेकर वहाँ जाते
हैं।” “नानाजी, हम फिर मेला
देखने जाएँगे,” मोहिशा बोली| “ नानाजी, यह वहाँ झूला झूलेगी|” नानाजी और शांतनु हंसने लगे|
प्रशन
- नाना जी कहाँ से पुस्तकें खरीद कर लाए थे?
उत्तर
- नानाजी पुस्तक मेले से पुस्तकें खरीद कर लाए थे।
प्रशन
- इतनी पुस्तकें के देखकर बच्चों को कैसा लगा?
उत्तर
- इतनी पुस्तकें देखकर बच्चे चकित थे।
प्रशन
- पुस्तक मेले में लेखक क्या कर रहे थे?
उत्तर
- पुस्तक मेले में लेखक लोगों से बातचीत कर रहे थे।
सही
उत्तर पर ( )
का निशान लगाओ|
1. नानाजी पुस्तकें किस में लाए
थे?
a. गाड़ी में
b. खेलों में (✓)
c. लिफाफे में
2. कैसी किताबें देखकर भाई बहन
चकित थे?
a. कहानियों की
b. कविताओं की
c. रंग-बिरंगी (✓)
3. पुस्तक मेले में क्या होता
है?
a. पुस्तकें (✓)
b. खिलौने
c. झूले
सही
शब्द चुनकर वाक्य पूरे कीजिए|
( पुस्तक, लेखक, विश्व, थैला)
1. नाना जी ने थैला नीचे
रखा।
2. यह कहानियों की पुस्तक
है।
3. किस पुस्तक का लेखक कौन
है?
4. ऐसे मेले पूरे विश्व में
लगाए जाते हैं।
पाठ
में प्रयुक्त योजक शब्द को पहचान कर उन्हें नीचे लिखिए|
पीछे- पीछे
बड़े- बड़े
दो – चार
रंग - बिरंगी
उलट-पुलट
उचित
पर्याय सुनकर वाक्य पूरे कीजिए।
1. राघव ने कल गाना गाया था।
( गाया था / गा रहा है / गाएगा)
2. राघव आज किताब पढ़ रहा है। ( पड़ी थी / पढ़ रहा है / पड़ेगा)
विभाग ख
अब आप भी नीचे दिए गए निर्देशानुसार दो दो शब्द लिखिए|
· दो एक जैसे शब्द - बड़े-बड़े, छोटे-छोटे
· दो उल्टे अर्थ वाले शब्द - ऊपर
नीचे,
आगे पीछे
· दो मिलते-जुलते अर्थ वाले
शब्द-
रंग बिरंगी, उलट-पुलट
नीचे
दिए गए संज्ञा शब्दों से वाक्य बनाइए|
पक्षी, हवा, नौका,
लड़के, आदमी, फूल, धोबिन, धोबी
पक्षी- पक्षी उड़
रहे हैं।
हवा- हवा तेज़ चल
रही है।
नौका- नौका पानी
में तैर रही है।
लड़के- लड़के फुटबॉल
खेल रहे हैं।
आदमी- आदमी सीढ़ी चढ़ रहा है।
धोबिन- धोबिन
कपड़े सुखा रही है।
धोबी- धोबी कपड़े
धो रहा है।
नीचे
दिए गए प्रत्येक व्यक्ति को उनके कार्य से मिलाइए।
मछुआरा
|
कपड़े धोता है |
|
चिकित्सक
|
जूते बनाता है |
|
मोची
|
कपड़े सिलता
है |
|
खिलाड़ी
|
इलाज करता है |
|
डाकिया
|
मछली पकड़ता है |
|
शिक्षक/ अध्यापक
|
पढ़ाता है |
|
दर्जी
|
डाक बांटता है |
|
धोबी
|
खेलता है |
|
उत्तर-
मछुआरा
|
मछली पकड़ता है |
|
चिकित्सक
|
इलाज करता है |
|
मोची
|
जूते बनाता है |
|
खिलाड़ी
|
खेलता है |
|
डाकिया
|
डाक बांटता है |
|
शिक्षक/ अध्यापक
|
पढ़ाता है |
|
दर्जी
|
कपड़े सिलता है |
|
धोबी
|
कपड़े धोता है |
|
विभाग - ग
अपने
शब्दों में किसी भी मेले का वर्णन कीजिए। परंतु ध्यान रहे कि आपके सारे वाक्य या
तो बीते हुए समय या चल रहा समय या आने वाले समय में से किसी भी एक ही समय में होने
चाहिए।
पिछले
माह
मैं अपने माता पिता के साथ कृषि मेला देखने गई थी। उस मेले में कृषि
से संबंधित अनेक प्रकार की वस्तुएँ प्रदर्शित की गई थीं
। पिताजी ने घर के बगीचे में लगाने के लिए सब्जियों के बीज खरीदे। माँ ने रसोईघर
के लिए मसाले खरीदे। लौटते समय हम सभी ने आइसक्रीम खाई।
चित्र को देखकर क्रिया का प्रयोग करते हुए एक-एक वाक्य लिखिए|
तितलियां उड़ रही है|
लड़का झूला झूल रहा है|
बालिका सो रही है|
कोष्ठक में से उचित शब्द छाँटकर वाक्यांश के सामने लिखिए |
(
यात्री, शिक्षक, अमर, शहरी, कामचोर)
· काम से जी चुराने वाला - कामचोर
· शहर में रहने वाला - शहरी
· कभी न मरने वाला - अमर
· शिक्षा देने वाला - शिक्षक
· यात्रा करने वाला - यात्री
पढ़िए
और आनंद उठाइए |!
ईद का मेला
लोगों
की टोली ईदगाह की और जाने के लिए निकल पड़ी। बच्चे उछलते-कूदते, हँसते खेलते
अपने परिवार के साथ ईदगाह की तरफ़ जा रहे हैं|
अब्दुल
:
अब्बू , हम ईदगाह क्यों जा रहे हैं?
अब्बू
: (हँसते हुए) बेटा,
आज ईद का त्यौहार है। आज हम ईदगाह जाकर नमाज़ पढ़ेंगे |
नमाज़ समाप्त होने पर सभी एक
दूसरे के गले मिलकर ‘ईद मुबारक’ कहेंगे
|
सलमा
: (अपनी चुन्नी के साथ खेलते हुए चल रही थी।) देखो अब्दुल! माँ ने मेरे लिए नया सलवार कुरता
बनवाया है और यह गोटे वाली चुन्नी उन्होंने अपने हाथों से सिली है |
अब्दुल
: ( प्रसन्नता से अपने कपड़े दिखाते हुए ) मेरे लिए भी अब्बू ने नया
कुरता पायजामा और टोपी बनवाई है। अब्बू ने तो मुझे ईदगाह के मेले में ले जाने का वादा
भी किया है। है न अब्बू ?
अब्बू
:
हाँ बेटा, ईद की नमाज़ के बाद हम मेला
देखने चलेंगे।
सलमा
:
मुझे भी अपने मेले में खर्च करने के लिए पैसे दिए हैं।
अब्दुल
: अरे! मुझे
भी अब्बू ने ईदी दी है | जिससे मैं मेले से अपनी मनपसंद
खिलौने खरीदूँगा |
(ईदगाह के बाहर मेला लगा हुआ है। मिठाई और खिलौने की दुकानें सजी हैं।)
अब्बू
:
यहाँ आओ बच्चों, कुछ मिठाइयाँ खरीद लें।
अब्दुल, सलमा कौन सी मिठाई खाओगे?
अब्दुल
:
अब्बू, मुझे जलेबी चाहिए |
सलमा
:
अब्बू मैं गुलाब-जामुन लूँगी।
( अब्बू मिठाई की दुकान से जलेबी और गुलाब जामुन बँधवा
लेते हैं। आगे खिलौनों की दुकानें देखकर अब्दुल और सलमा रुक जाते हैं। )
सलमा
: ( अब्बू का हाथ खींचते हुए) अब्बू मुझे यह नाचने वाला भालू चाहिए।
अब्दुल
:
और मैं यह बिगुल लूँगा।
(अब्बू दोनों बच्चों को उनके मनपसंद खिलौने दिलाते हैं। मेले में कई तरह की
दुकानें थी। मिठाई, खिलौने, चूड़ियों, कपड़ों, पुस्तकों की, जिन्हें
दोनों बच्चे बड़ी प्रसन्नता व उत्साह से देख रहे थे। अचानक झूले वाले को देखकर
सलमा और अब्दुल उछल पड़ते हैं।)
अब्दुल
:
पिताजी, हम झूला झूलेंगे।
सलमा
:
नहीं, मुझे तो डर लगता है। यह झूला इतना ऊपर
जाता है, अगर मैं गिर गई तो?
अब्दुल
:
तुम नहीं गिरोगी | मैं तुम्हारे साथ बैठूँगा
|
(अब्दुल और सलमा झूले पर बैठ जाते हैं।)
सलमा
:
पिताजी, यह मेला रोज़ क्यों नहीं लगता?
अब्बू
: ( हँसते हुए)
बेटी, यह मेला सिर्फ ईद के त्यौहार में ही लगता है। रमज़ान के पूरे तीस रोज़ों के
बाद यह त्यौहार आता है | तीस दिन के बाद चाँद देखकर ईद मनाई जाती है। ईद
का नाम ईद-उल-फितर है।
(अब्दुल और सलमा ने अब्बू के साथ मेले में कई प्रकार की चीज़ें देखी और बहुत
उत्साह के साथ मेले का आनंद उठाया। )
अब्बू: चलो बच्चों, बहुत देर हो गई है। अब हमें घर चलना चाहिए। हमें रहीम चाचा के घर ईद की
मुबारकबाद देने भी जाना है।
अब्दुल
: हाँ अब्बू और अम्मी के हाथ की बनी मीठी सेवइयाँ भी तो खानी हैं। (अब्दुल और सलमा पिताजी का हाथ पकड़े घर की और चल दिए।)
विभाग - घ
मेले
में आपको सबसे अच्छा क्या लगता है? उसका चित्र बनाकर
उसमें रंग भरिए |
इन योजक शब्दों का सार्थक वाक्यों में प्रयोग कीजिए |
कभी
- कभी
मैं
कभी-कभी आइसक्रीम खाती हूं|
धीरे
- धीरे
वह धीरे-धीरे
साइकिल चला रहा है |
जल्दी
- जल्दी
माँ
ने जल्दी- जल्दी सारा काम कर लिया ।
इन
क्रिया शब्दों से एक – एक वाक्य बनाइये ।
शब्द
- पढ़ना
वाक्य
- हमें प्रतिदिन पुस्तक पढ़ना चाहिए ।
शब्द
- लिखना
वाक्य
- मुझे गृह कार्य में गाय पर निबंध लिखना है।
शब्द
- गाना
वाक्य
- सरिता को
गीत गाना पसंद है।
शब्द
- खाना
वाक्य
- मैं अपने परिवार के साथ खाना खाती हूँ।
शब्द
- खेलना
वाक्य
- मुझे फुटबॉल खेलना अच्छा लगता है।
विभाग – ड़
क्रिया
जिन
शब्दों से किसी काम के होने या करने का पता चले, वे क्रिया कहलाते हैं।
|
उदाहरण के लिए- खाना, पीना, सोना, उठना, बैठना, काटना, नाचना, उगना, डूबना, नहाना, देखना, सुनना, हँसना, रोना, खेलना, चुनना, चलाना, बोलना, गाना, पढ़ना, पढ़ाना।
क्रिया
का महत्व-
वाक्य क्रिया के बिना पूरा नहीं होता, अधूरा
रहता है।
इन
वाक्यों में क्रिया शब्दों को रेखांकित कीजिए।
1) राहुल टीवी देख रहा है।
2)
रिया नाच रही है।
3)
बच्चे बगीचे में खेल रहे हैं।
4)
सब्ज़ी वाला सब्ज़ी बेच रहा है।
5)
आसमान में चिड़िया उड़ रही है।
6) मानस पढ़ रहा है।
7) सूरज निकल रहा है।
8)
बारिश हो रही है।
9)
रूपेश चित्र बना रहा है।
10)
दीदी कपड़े खरीद रही है।
योजक
शब्द-
एक जैसे शब्द-
नए-नए
घर-घर
धीरे-धीरे
दूर-दूर
छोटा-छोटा
लाल-लाल
कभी-कभी
कोई-कोई
उलटे
अर्थ वाले शब्द-
सुख-दुख
देश-विदेश
दिन-रात
सच-झूठ
सुबह-शाम
हार-जीत
बच्चा- बूढ़ा
लाभ-हानि
मिलते-जुलते अर्थ वाले शब्द-
धूल- मिट्टी
भाग-दौड़
बाल- बच्चे
नौकर-चाकर
जीता-जागता
चमक-दमक
दिए
गए शब्दों के योजक शब्दों के जोड़े सामने लिखिए।
1. बच्चा-बूढ़ा
2. लाभ-हानि
3. लाल-पीला
4. घर-घर
5. कभी-कभी
6. सच-झूठ
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