Grade-3 Hindi, Lesson-11


पाठ - ११
अनुच्छेद लेखन 
 सृजनात्मक लेखन के प्रकार
·          वाक्य लेखन
·          चित्र वर्णन
·          कहानी लेखन

वाक्य लेखन

 मेरा बस्ता
 यह मेरा बस्ता है|
 यह नीले रंग का है|
 इस पर स्कूल का चित्र भी बना है|
 जब मैं तीसरी कक्षा में आया/आई  था/ थी  तब मेरी माँ  ने इसे खरीदा था।
 मेरे बस्ते में बहुत सारे खाने हैं।
 इन खानों में मैं अपनी किताबें और कॉपियों को अलग अलग रख सकता/  सकती हूँ।
 इसमें खाने का डिब्बा रखने के लिए अलग जेब भी है।
 मैं इसे बारिश में भी स्कूल लेकर जाता/ जाती हूँ।
 बारिश का पानी इसके अंदर नहीं जा सकता।
 मुझे अपना बस्ता बहुत पसंद है।

 मेरी साइकिल
 मेरे पास एक साइकिल है।
 वह गुलाबी रंग की है।
 यह साइकिल मुझे मेरे दादाजी ने जन्मदिन पर दी थी।
 मैं स्कूल से घर जाने के बाद शाम को साइकिल चलाता/ चलाती हूँ।
 मुझे मेरी दीदी ने साइकिल चलाना सिखाया।
 मुझे इस साइकिल की घंटी की ट्रीन-ट्रीन की आवाज़ बहुत पसंद है।
मैं अपनी साइकिल को साफ़  रखता/ रखती हूँ।
 सप्ताह में एक बार मैं इसे धोता/ धोती भी हूँ। 

साइकिल है यह मेरी प्यारी,
 बड़ी अनोखी हमारी यारी।

चित्र वर्णन

 आज मुस्कान का जन्मदिन है। 
 वह बहुत खुश है।
 उसने अपने जन्मदिन पर बहुत-से मित्रों को बुलाया है।
 वे सभी उसके लिए अलग-अलग उपहार लाए हैं।
 मुस्कान ने केक काटा।
 फिर सब ने मिलकर केक और मिठाइयाँ खाईं ।
 सब को बहुत मज़ा आया।


आजआसमान में काले बादल घिर आए
और रिमझिम बारिश शुरू हो गई।
बारिश के कारण सभी बच्चे खुश होकर नाचने लगे।
 सभी अपने-अपने छाता लेकर घर के बाहर निकले।
 वे पानी में नाच-नाच कर बारिश का मज़ा ले रहे हैं।
 बच्चे कागज की नाव बनाकर पानी में तैर आ रहे हैं।
 बारिश के पानी से सारे पेड़-पौधे भी हरे-भरे हो गए हैं।

कहानी लेखन

  हाथी और चींटी

एक बार हाथी नदी में नहा रहा था।  उसने नदी में अपनी परछाई देखी।  परछाई तो बहुत बड़ी थी।  वह सोचने लगा कि मैं सभी जानवरों में बड़ा हूँ।  जंगल का राजा तो मुझे ही होना चाहिए।  वह तुरंत जंगल में गया और सभी जानवरों को आवाज देने लगा।  थोड़ी देर में सभी जानवर वहाँ एकत्रित हो गए।  तब हाथी ने उन सब को कहा-  देखो,  मेरा आकाश सभी जानवरों में बड़ा है।  मैं आप सबमें सबसे अधिक ताकतवर हूँ। इसलिए आज से मैं जंगल का राजा हूँ।  आप सभी शेर को नहीं मुझे जंगल का राजा कहेंगे।

 सब जानवर डर गए।  उनकी समझ में नहीं आ रहा था कि अब क्या किया जाएक्योंकि अगर हाथी को राजा नहीं कहेंगे तो उसे गुस्सा आएगा और अगर शेर को राजा नहीं कहेंगे तो खैर नहीं।  क्या करें?  उनकी समझ में कुछ नहीं आ रहा था।  आखिर उन्होंने हाथी को ही अपना राजा मान लिया।  परंतु एक चींटी  ने हाथी को राजा मानने से साफ इंकार कर दिया।  इस बात का हाथी को बड़ा गुस्सा आया।  उसने उसे सूँड से मारना चाहा। परंतु उल्टा चींटी ने हाथी की सूँड को कई जगह से काट लिया।  वह तड़पने लगा।  चींटी तो उसकी सूँड में ही घुस गई।  हाथी ने बार-बार सूँड हिलाकर चींटी को निकालना चाहा,  पर सफल नहीं हुआ।

 अंत में उसने चींटी से हार मान ली।  तब जाकर चींटी उसकी सूँड से बाहर आई।  वह बोली - सिर्फ शरीर बड़ा होने से कोई बड़ा नहीं बनता। 

Comments

Popular posts from this blog

Class-5 EVS, Chapter-13, A Shelter so High! , Additional Exercises with Solutions/ NCERT

Class-5, EVS, Chapter-18, No Place for Us?, Additional Exercises with Solutions / NCERT

Class-5 EVS Chapter-1 Super Senses/NCERT

Class-3 EVS, Chapter-8 Flying High, Additional exercises with solutions

Class-4 EVS Chapter-4 The Story of Amrita