Class-1 Hindi (Rimjhim) पाठ- 21 हलीम चला चाँद पर NCERT / CBSE Syllabus
पाठ- 21
हलीम चला चाँद पर
हलीम
ने एक दिन
सोचा
आज मैं चाँद
पर
जाऊँगा।
वह
रॉकेट के
कारखाने
में गया
और
एक रॉकेट
पर
बैठकर चल दिया।
चलते-चलते
अँधेरा हो गया।
हलीम
को डर लगने लगा।
उसको
तो चाँद तक का
रास्ता
पता नहीं था।
थोड़ी
देर में उसने
चाँद
देखा और
वह
खुश हो गया।
चाँद
पर हलीम को
खूब
सारे गड्ढे दिखे
और
बड़े-बड़े पहाड़
भी।
लेकिन वहाँ
कोई
पेड़ या
जानवर
नहीं थे।
लोग
भी नहीं।
हलीम
ने सोचा - ये
भी
कोई जगह है!
चलो
वापिस घर चलें।
वह
रॉकेट में बैठकर
घर
लौट आया।
रास्ते
में क्या देखा?
हलीम
को रास्ते में क्या-क्या दिखा होगा?
पेड़
पक्षी
बादल
अंतरिक्ष
उल्का
ग्रह
उपग्रह
तारे
कहाँ जाओगे?
हलीम
चाँद पर
जाना चाहता था। तुम कहाँ जाना चाहती हो? कैसे जाओगी?
कहाँ
- कैसे
स्पेस
स्टेशन-
अंतरिक्ष यान
नानी
के घर-
रेलगाड़ी से
चाचा
के घर- हवाई जहाज में
डर
हलीम को अँधेरे से डर लगता था।
तुम्हें कब - कब डर लगता है?
बिजली
गुल हो जाने पर।
काँच का
गिलास टूट जाने पर।
फिर
तुम क्या करते हो?
माँ
के मोमबत्ती जलाने का इंतजार करती हूँ।
माँ को सच
बता देती हूँ।
चाँद
और सूरज का चित्र बनाओ।
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