Grade-3 Hindi, Lesson-5
पाठ - ५
विषय: पौधों का जीवन ( वैज्ञानिक
संवाद), व्याकरण- सर्वनाम
विभाग : क
इस कविता को गाकर पढ़ें
और दिए गए रिक्त स्थान भरें |
सुनो सुनो क्या चिड़िया कहती,
हवा सुहानी अब न बहती,
आँगन की शोभा हरियाली,
बिना पेड़ों के आँगन खाली,
पीपल, बरगद की छाँव नहीं,
हरा-भरा अपना गाँव नहीं,
चिड़िया ने अब गाना छोड़ा,
चिड़िया को हम चलो मनाएँ,
धरती पर फिर पेड़ लगाएँ
1. हवा सुहानी अब न बहती (बहती/ कहती)
2. आँगन की
शोभा हरियाली (सुहानी /हरियाली)
3. पीपल, बरगद
की छाँव नहीं, (छाँव/ गाँव)
4. धरती
पर फिर पेड़ लगाएँ ( पेड़ / आँगन)
नीचे दिए गए पाठ को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर संपूर्ण वाक्य में लिखिए|
पौधों का जीवन
रात के नौ बजे थे| बिजली न होने के कारण सब आंगन में बैठे थे| अचानक काजल क्यारी की बेल को हिलाने लगी| माँ ने मना किया, “ बेटी नहीं, इस समय पौधों को छेड़ना नहीं चाहिए| पौधे सो गए हैं|” “पौधे भी कभी सोते हैं?” काजल बोली और डाली को हिलाती रही| “ हाँ बेटी, पौधे भी हमारी तरह सोते, जागते हैं, सांस लेते हैं, खाना खाते हैं, पानी पीते हैं | हाँ , अब तुम बेल को हिलाना बंद करो,” पिताजी बोले| पंकज भी अपने पिता की बात सुन रहा था| उसे उनकी बात रुचिकर लगी| वह उठकर पिता के पलंग पर बैठा |
“ कैसे पिताजी?” पौधे कैसे खाते पीते हैं, सोते हैं, जागते हैं उसने पूछा| “हां- हां! बताइए ना!” काजल भी डाल को हिलाना छोड़कर पिताजी के पास चली गई| पिताजी बताने लगे, “ पहले सभी लोग यह समझते थे कि पौधे निर्जीव होते हैं किंतु बाद में वैज्ञानिक प्रयोगों से यह सिद्ध हुआ कि पौधों में भी जीवन है|”
“ काजल, तुम गुलाब के पौधों से सुंदर गुलाब तोड़ लेती हो| तुम्हें इसमें मजा आता है किंतु तुम्हारी इस शैतानी से वह गुलाब का फूल तो मर ही जाता है| तुम देखोगी, थोड़ी देर बाद वह मुरझा जाता है, उस की पंखुड़ियां गिरने लगती है| जानती हो क्यों? जब वह डाली पर था तो उसे भोजन मिलता था| डाली से अलग होकर गुलाब को भोजन नहीं मिल पाता और वह निर्जीव सा हो जाता है|”
“पंकज, तुमने तो अपनी विज्ञान की पुस्तक में पढ़ा था कि पौधे के 6 भाग होते हैं- जड़,, तना शाखाएं, पत्ते, फूल और फल|”
“जड़े पौधों के लिए वही काम करती है जो तुम्हारा मुंह तुम्हारे लिए करता है| वह धरती से खनिज और पानी चुस्ती है और तनी की ओर ढकेल टी हैं| जड़े पौधे को मिट्टी में मजबूती से गाड़कर कर भी रखती है|”
दोनों बच्चे पिताजी की बात ध्यान से सुन रहे थे|
“ अच्छा पिताजी ! पौधे सांस कैसे लेते हैं? “ काजल ने पूछा| “ पत्तों में छोटे-छोटे छेद होते हैं, उनके द्वारा ही पौधे सांस लेते हैं| यदि तुम किसी पौधे को कांच के बर्तन में इस तरह ढक दो कि उसे हवा ना मिले तो तुम देखोगे कि कुछ समय बाद पौधा मुरझा जायेगा| पत्ते ही सूर्य की गर्मी में हवा से कार्बन डाइऑक्साइड लेकर हरित्तकों की सहायता से पौधों के लिए भोजन बनाने का काम करते हैं|”
“ पिताजी, कार्बन डाइऑक्साइड क्या गंदी हवा को कहते हैं?” पंकज ने पूछा|
“ तुम ठीक कहते हो, लेकिन पौधों के जीवन के लिए यही आवश्यक है| इस तरह से पौधे हवा में से कार्बन डाइऑक्साइड ग्रहण कर उसे हमारे लिए शुद्ध करने का काम भी करते हैं,” पिताजी बोले|
“ पिताजी! तना और शाखाएं पौधों के लिए क्या करती हैं?” पंकज ने पूछा|
“ तना और शाखाएं पौधों को आकार प्रदान करते हैं तथा पत्र द्वारा बनाया भोजन जड़ों तक और नीचे जड़ों द्वारा चूसे गए खनिज और पानी को पत्तों तक पहुँचाते हैं|”
“ पत्तों द्वारा बनाया गया भोजन ही जड़ों, शाखाओं, फलों और बीजों के रूप में एकत्र हो जाता है और उन्हें हम खाते हैं?”
“क्या हम जड़ भी खाते हैं?” काजल ने हैरानी प्रकट करते हुए कहा|
“ हां, चुकंदर, मूली, गाजर, शलगम- पौधे की जड़ों का ही रूप है|”
“ गन्ना, कमल ककड़ी पौधे के तने का रूप है,” मां ने बातचीत में भाग लेते हुए कहा| “ पत्ते तो साग के रूप में खाते ही हैं- जैसे पालक, सरसों, मेथी, चौलाई के पत्ते आदि| कुछ पौधों के फल भी खाए जाते हैं और कुछ के बीज | बताओ तो कौन से पौधों के फल सब्जी के रूप में खाते हैं? माँ ने पूछा| सवाल सरल था फिर भी बच्चे उसका जवाब नहीं दे पाए|
“ देखो, काशीफल तो फल कहलाता ही है| टमाटर, घीया, तोरी, भिंडी भी पौधों के फल ही होते हैं| फल अपने अंदर बीज को समेट कर रखते हैं|” “ पिताजी! आपने यह तो बताया नहीं कि हम किन पौधों के बीच खाते हैं?” पंकज बोला|
“ सारी दालें आदि पौधों के बीज ही तो होते हैं| सरल उदाहरण लेना चाहो तो मटर की फली, लोबिया, सेम, गवार की फली का नाम भी ले सकते हो,” माँ ने बताया| इतने में बिजली आ गई| माँ उठ कर रसोई घर में चली गई| पिताजी ने समझाया, “ वनस्पति जगत पर हमारा जीवन निर्भर है किंतु हमें व्यर्थ में फूल पौधों को तोड़ना नहीं चाहिए| तुमने देखा है माली पौधों को अपने बच्चों के समान प्यार करता है, उनकी देखभाल करता| हमें भी उसकी तरह पेड़ पौधों की देखभाल करनी चाहिए|”
“ खाना लग गया है| अब जल्दी से अंदर आकर खाना खा लो| कहीं बिजली फिर से ना चली जाए|” माँ की आवाज आई तो बच्चे उठ कर कमरे की ओर चल दिए किंतु दोनों अभी भी पौधों के विषय में ही सोच रहे थे|
प्रश्न- रात को बेल हिलाने पर काजल से मां ने क्या कहा?
उत्तर- रात को बेल खिलाने पर काजल से मां ने कहा इस समय पौधों को नहीं छोड़ना चाहिए, पौधे सो गए हैं|
प्रश्न- पिताजी ने काजल को मना करते हुए क्या समझाया?
उत्तर- पिताजी ने काजल को मना करते हुए समझाया कि पौधों में भी जीवन है|
प्रश्न- फूल तोड़ने के कुछ देर बाद मुरझा क्यों जाता है?
उत्तर- डाली से अलग होने के बाद फूल को भोजन नहीं मिल पाता और वह मुरझा जाता है|
प्रश्न- पेड़ की जड़े पौधों के लिए क्या काम करते हैं?
उत्तर- जड़े धरती से खनिज और पानी सोखती हैं
और तने की और धकेलती हैं|
प्रश्न- पत्ते को हम किस रूप में खाते हैं?
उत्तर - पत्ते को हम साग के रूप में खाते हैं- जैसे पालक, सरसों, मेथी आदि|
प्रश्न- हमारा जीवन वनस्पति जगत पर कैसे निर्भर है?
उत्तर- वनस्पति जगत से हमें भोजन और शुद्ध वायु मिलती है|
विभाग ख
नीचे दिए गए शब्द पढ़कर पौधों के उचित भाग के नीचे लिखिए|
मेथी, सेब, चना, करेला, पत्ता गोभी, प्याज, टिंडा, पालक, नारियल, टमाटर, गन्ना मटर, चुकंदर
तना
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पत्ते
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जड़
|
फल
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बीज
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गन्ना
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मेथी
|
चुकंदर
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करेला
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चना
|
पत्ता गोभी
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पालक
|
नारियल
|
मटर
|
|
प्याज
|
टिंडा
|
|||
सेब
|
चित्र में दिए गए स्थान पर पौधे के भाग का नाम लिखिए|
फूल , पत्ती, तना, जड़
पेड़ों से हमें क्या क्या मिलता है, उनके नाम खाली स्थान में लिखकर चित्र बनाइए
उत्तर-
सही सर्वनाम चुनकर नीचे लिखी कहानी पूरी करें|
उसने, उसे, उसका, मैं, वे, उसको
|
एक पतंग और पिल्ले में गहरी दोस्ती थी | एक दिन हवा से पतंग कहीं दूर चली गई| पिल्ला उसे ढूँढता रहा | उसने पेड़ से पूछा, पर उसे कहीं पता न चला| पिल्ला बहुत देर तक खोजता रहा| फिर एक खरगोश ने कहा- चलो, मैं बताता हूँ | तब वे एक झाड़ी के पीछे से उसे खोज लाए|
विभाग : ग
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए|
1. सौ वर्ष का समय- शताब्दी
2. जो मांस ना खाए- शाकाहारी
3. पढ़ने वाला- विद्यार्थी
4. जो बड़ा भाई हो- अग्रज
5. जिसके माता-पिता न हो- अनाथ
6. दूसरे देश की वस्तु- विदेशी
7. जिसके आने की तिथि न हो- अतिथि
इन शब्दों के बहुवचन लिखिए|
1. कौवा - कौवे
2. तना- तने
3. सड़क- सड़कें
4. छाता- छाते
5. टोपी- टोपियाँ
6. माला- मालाएं
7. चूहा- चूहे
8. बिल्ली- बिल्लियाँ
9. मछली- मछलियाँ
10. किताब- किताबें
11.
दवाई - दवाइयाँ
नीचे लिखे वाक्यों में आवश्यकतानुसार सर्वनामों का प्रयोग करके दी गई जगह में लिखिए|
कोयल एक पक्षी है| कोयल का रंग कौए के समान काला होता है| आकार में भी कोयल कौए से मिलती-जुलती है| कोयल बहुत मीठे स्वर में गाती है| यदि कोई कोयल के गाने की नकल करे, तो कोयल जोर-जोर से कूकने लगती है| कोयल की चालाकी के तो क्या कहने? कोयल कौए के घोंसले में अपने अंडे रख देती है| बेचारा कौवा कोयल के अंडे को अपने अंडे समझ कर सेता है|
उत्तर-
कोयल एक पक्षी है| उसका रंग कौए के समान
काला होता है| आकार में भी वह कौए से मिलती-जुलती है| वह बहुत मीठे स्वर में गाती है|
यदि कोई उसके गाने की नकल करे, तो वह जोर-जोर से कूकने लगती है| उसकी चालाकी के तो
क्या कहने? वह कौए के घोंसले में अपने अंडे
रख देती है| बेचारा कौवा उसके अंडे को अपने अंडे समझ कर सेता है|
नीचे दिए गए सर्वनाम शब्दों से सार्थक वाक्य बनाइए|
सर्वनाम - मैं
वाक्य- मैं प्रतिदिन खेलने जाता हूं|
सर्वनाम - उसने
वाक्य - उसने मेरा इंतजार किया|
सर्वनाम - यह
वाक्य- यह मेरी कक्षा है|
सर्वनाम - तुम
वाक्य- तुम मेरे प्रिय मित्र हो|
सर्वनाम - हमारा
वाक्य- भारत हमारा देश है|
विभाग : घ
किस सब्जी से हमारे शरीर को कौन सा पोषक तत्व मिलता है? पता करके अपनी नोटबुक में लिखिए| (कोई भी तीन सब्जियां)
सब्जी का नाम
|
पोषक तत्व
|
गाजर
|
विटामिन ए
|
टमाटर
|
विटामिन सी
|
पालक
|
आयरन
|
विभाग – ड़
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए|
प्रश्न - पेड़ों की उपयोगिता स्पष्ट करें|
उत्तर - पेड़ों से हमें साँस लेने के लिए शुद्ध वायु, फल, सब्ज़ियाँ,
लकड़ी तथा अनेक प्रकार की औषधियाँ मिलती हैं |
प्रश्न - पौधों का कौन सा अंग हमें किस काम आता है?
उत्तर - पौधों के सभी अंग हमारे काम आते हैं, जैसे-
1.
तना - लकड़ी, गोंद
2.
फल / सब्ज़ियाँ - भोजन के लिए
3.
पत्तियां- भोजन एवं औषधि के लिए
4.
फूल- इत्र बनाने, सजावट के लिए
5.
जड़े- भोजन एवं औषधि के लिए
प्रश्न- वाक्यों में सर्वनाम का क्या महत्व होता है?
उत्तर- सर्वनाम संज्ञाओं की पुनरावृति रोककर वाक्यों को सौंदर्ययुक्त बनता है।
प्रश्न - अगर सर्वनाम नहीं होते तो क्या होता?
उत्तर- अगर सर्वनाम नहीं होते तो संख्याओं की पुनरावृति से वाक्य भद्दे लगते|
सर्वनाम
आज सुहास का जन्मदिन है|
सुहास बहुत खुश है|
सुहास को बहुत से उपहार मिले हैं|
यहां बार-बार सुहास शब्द कान में खटक रहा है| कितना अच्छा होता यदि हम कहते-
आज सुहास का जन्मदिन है|
वह बहुत खुश है|
उसे बहुत से उपहार मिले हैं|
आप समझ गए कि बात वही है, लेकिन बार-बार सुहास शब्द का प्रयोग न करके उसकी जगह अन्य शब्दों का प्रयोग करें तो वाक्य सुंदर लगता है|
इसलिए
संज्ञा के स्थान पर जिन शब्दों का प्रयोग किया जाता है, उन्हें सर्वनाम कहते हैं|
हम जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग अपनी भाषा में करते हैं, वह इस प्रकार हैं-
मैं, तू, वह, हम, तुम / आप, वे
मैंने, उसने, हमने, तुमने / आपने, उन्होंने
मुझसे, मुझपर, उससे, हमसे, तुमसे, उनसे
मुझमें, तुझमें, उसमें, हममें, तुममें / आपमें
मुझे, मुझको, उसे, उसको, हमें, हमको, तुम्हें/ तुमको, उन्होंने
मेरा, मेरी, मेरे, उसका, उसकी, उसके, हमारा, हमारी, हमारे
तुम्हारा, तुम्हारी, तुम्हारे, उनका, उनकी, उनके
यह, वह, इनसे, उन, किसने, जिसने, इन्होंने आदि|
श्रुतलेखन के लिए शब्द
रुचिकर
कार्बन- डाइ - ऑक्साइड
हरीत्तक
उन्मुख
वनस्पति
वैज्ञानिक
निर्जीव
आकार
आँगन
क्यारी
सिद्ध
पंखुड़ियाँ
मिट्टी
शाखाएँ
एकत्र
चुकंदर
गृह परियोजना / गृह संयोजन
- पेड़ से मिलने वाली वस्तुओं की सूची बनाइए|
- समाचार पत्र से पेड़ से मिलने वाली वस्तुओं के चित्र काटकर एक चार्ट पेपर पर चिपकाएँ और उसके नीचे उनके नाम लिखें|
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