रेफ का प्रयोग
रेफ का
प्रयोग (र = Z )
जब स्वर रहित '
र् ' की आवाज़ किसी व्यंजन से पहले आती है तो ' र् ' बाद में
आने वाले व्यंजन के ऊपर लगता है |
' र् ' के इस रूप को रेफ कहते हैं |
जैसे
क + र् + म = कर्म
ध + र् + म = धर्म
प + र् + व = पर्व
वर्णों पर रेफ लगाकर पढ़ो
र्क र्ख र्ग
र्च र्ज र्झ
र्ट र्ठ र्ड
र्त र्थ र्द
र्ध र्न र्प
र्फ र्ब र्भ
र्म र्य र्र
र्ल र्व र्स
र्ष र्श र्ह
मिलाकर पढें
न + र् + स = नर्स
स + र् + प = सर्प
ध + र् + म = धर्म
क + र् + म = कर्म
श + र् + म = शर्म
क + र् + ण = कर्ण
ब + र् + फ = बर्फ
ग + र् + म = गर्म
क + र् + ज = क़र्ज़
फ + र् + ज = फर्ज
फ + र् + श = फर्श
व + र् + ग = वर्ग
ग + र् + म = गर्म
मा + र् + ग = मार्ग
का + र् + य = कार्य
प + र् + दा = पर्दा
चा + र् + ट = चार्ट
क + र् + ता = कर्ता
भ + र् + ता = भर्ता
द + र् + श + न = दर्शन
अ + र् + च + न = अर्चन
द + र् + प + ण = दर्पण
अ + र् + प + ण = अर्पण
पू + र् + व = पूर्व
नि + र् + ध + न = निर्धन
अ + र् + जु + न = अर्जुन
सू + र् + य = सूर्य
म + र् + म = मर्म
अ + र् + क = अर्क
ह + र् + ष = हर्ष
मू + र् + ख = मूर्ख
प + र् + स = पर्स
द + र् + द = दर्द
प + र् + व = पर्व
द + र् + श + न = दर्शन
आ + द + र् + श = आदर्श
नि + र् + ग + म = निर्गम
ग + र् + ज + ना = गर्जना
आ + शी + र् + वा + द = आशीर्वाद
दि + न + च + र् + या = दिनचर्या
पढ़ने का अभ्यास करें
सूर्योदय के पहले उठ
सूर्योदय के पहले उठ | अपने ईश का दर्शन कर ,अर्चना कर |
धर्म के मार्ग पर चल |
अपना फर्ज पूरा कर |
बड़ों का आशीर्वाद ले |
निर्भय हो कर रह |
सर्द मौसम
अर्जुन, सर्दी के दिन हैं |
सूर्य उदय हो चुका है |
मौसम सर्द है |
गर्म पानी से नहा |
दर्पण में मुख देख |
अपना कर्म कर | निर्धन की सहायता कर |
वृक्ष पर झूला
वृक्ष पर झूला लगा है | अर्चना झूला झूल रही है |
कार्तिक बर्फी लाया |
अर्चना और कार्तिक ने
हर्षित होकर बर्फी खाई | गर्म दूध भी पिया |
दूध फर्श पर ढुल गया |
अब इसे साफ़ करो |
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