ऋ की मात्रा वाले शब्द
ऋ की मात्रा (ऋ = ` )वाले शब्द
वर्णों पर ऋ की मात्रा लगाकर पढ़ो
कृ गृ घृ छृ जृ
झृ तृ दृ धृ नृ
पृ बृ भृ मृ यृ
लृ वृ सृ हृ
मिलाकर पढें
वृ + क्ष = वृक्ष
गृ + ह = गृह
मृ + ग = मृग
नृ + प = नृप
तृ + ण = तृण
कृ + त = कृत
मृ + त = मृत
घृ + त = घृत
भृ + त = भृत
ऋ + ण = ऋण
ऋ + चा = ऋचा
घृ + णा = घृणा
दृ + शा = दृशा
कृ + ष्ण = कृष्ण
कृ + पा = कृपा
तृ + प्त = तृप्त
तृ + षा = तृषा
कृ + मि = कृमि
नृ + त्य = नृत्य
मृ + दा = मृदा
मृ + दु = मृदु
पृ + थ + क = पृथक
तृ + ती + य = तृतीय
दृ + श्य = दृश्य
सृ + ज + न = सृजन
शृ + गा + ल = शृगाल
पृ + थ + क = पृथक
कृ + त्रि + म = कृत्रिम
अ + मृ + त = अमृत
कृ + त + घ्न = कृतघ्न
मृ + दं + ग = मृदंग
भृ + कु + टि = भृकुटि
कृ + पा + लु = कृपालु
ह्र + द + य = ह्रदय
पढ़ने का अभ्यास करें
हरा भरा वृक्ष
हरा - भरा वृक्ष , सजा - सजा गृह |
बारिश आई , तृषा मिट गई |
नृप बना कृषक , मृग हुआ मगन |
मीठी वाणी , अमृत वाणी |
मृणाल ! नृप आया | घृत का दीपक जला |
अमृत अतिथिगृह जा
अमृत अतिथिगृह जा | कृपणता मत दिखा | दूध घी डाल कर पिला | घृणा मत कर | मृणालिनी की तरह कृतज्ञ बन | कृपाण उठा कर रख | वृथा वृक्ष पर मत चढ़ |
ऋषि कुटिया पर आए
ऋषि कुटिया पर आए | मृग तृण चर | नृशंस नृप, वृक तथा भालू का पीछा करता हुआ आया | ऋषि की भृकुटी तनी | नृप तीर मत चला | नृप, इस ईश्वर की कृति पर कृपा
रख |
मृदु वचन
सदा मृदु वचन सुन | घृणा मत कर | पशु को वृथा तंग मत कर | कृष्णा नृत्य कर | कृपाशंकर , मृदंग लाकर बजा |
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